खेती में ड्रोन के उपयोग को बढ़ाने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन और महिला सशक्तिकरण के सरकार ने नमो ड्रोन दीदी योजना शुरू की है।
केंद्र सरकार ने डीएवाई-एनआरएलएम के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) को ड्रोन उपलब्ध कराने के लिए 1261 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ केंद्रीय क्षेत्र की योजना ‘नमो ड्रोन दीदी’ को मंजूरी दे दी है।
इस योजना के के तहत वित्त वर्ष 2024-25 से 2025-26 की अवधि के दौरान 14,500 चयनित महिला एसएचजी को अनुदान पर ड्रोन उपलब्ध कराये जाएंगे।
नमो ड्रोन दीदी योजना
योजना का उद्देश्य कृषि में तरल उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग जैसे उद्देश्यों के लिए ड्रोन उपलब्ध कराना है जो किसानों को किराये पर ये सेवाएँ प्रदान करेंगी।
कृषि और किसान कल्याण विभाग ने इस योजना के परिचालन दिशा-निर्देश जारी किए हैं और सभी हितधारकों से अनुरोध किया गया है कि वे “नमो ड्रोन दीदी” योजना के शीघ्र क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए इन दिशा-निर्देशों का पालन करें।
ड्रोन खरीदने के लिये दिए जाएंगे 8 लाख रुपये
इस योजना के तहत, ड्रोन और सहायक उपकरण तथा सहायक शुल्क की लागत का 80 प्रतिशत, केंद्रीय वित्तीय सहायता के रूप में अधिकतम 8 लाख रुपये तक की राशि महिला स्वयं सहायता समूहों को पैकेज के रूप में ड्रोन की खरीद के लिए प्रदान की जाएगी।
स्वयं सहायता समूहों और स्वयं सहायता समूहों के क्लस्टर स्तरीय संघ खरीद की कुल लागत में से सब्सिडी घटाकर तय राशि (सीएलएफ) राष्ट्रीय कृषि अवसंरचना वित्तपोषण सुविधा (AIF) के अंतर्गत ऋण ले सकते हैं।
सीएलएफ/एसएचजी को एआईएफ ऋण पर 3 प्रतिशत की दर से ब्याज सहायता प्रदान की जाएगी। साथ ही सीएलएफ/एसएचजी के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय के अन्य स्रोतों/कार्यक्रमों/योजनाओं से ऋण प्राप्त करने का विकल्प भी होगा।
यह भी पढ़ें : गाय पालन करने वालों को अनुदान के साथ ही दिए जाएँगे क्रेडिट कार्ड
नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत ड्रोन के साथ दिए जाएंगे यह उपकरण
इस योजना के तहत, न केवल ड्रोन बल्कि पैकेज के रूप में ड्रोन की आपूर्ति की जाएगी।
पैकेज में तरल उर्वरकों और कीटनाशकों के छिड़काव के लिए स्प्रे तंत्र के साथ बेसिक ड्रोन, ड्रोन को रखने का डिब्बा, मानक बैटरी सेट, नीचे की ओर फोकस कैमरा, दोहरे चैनल वाला फास्ट बैटरी चार्जर, बैटरी चार्जर हब, एनीमोमीटर, पीएच मीटर और सभी वस्तुओं पर एक साल की ऑनसाइट वारंटी शामिल होगी।
पैकेज में चार अतिरिक्त बैटरी सेट, एक अतिरिक्त प्रोपेलर सेट (प्रत्येक सेट में छह प्रोपेलर होते हैं), नोजल सेट, डुअल चैनल फास्ट बैटरी चार्जर, बैटरी चार्जर हब, ड्रोन पायलट और ड्रोन सहायक के लिए 15 दिन का प्रशिक्षण, एक साल का व्यापक बीमा, दो साल का वार्षिक रखरखाव अनुबंध और लागू जीएसटी भी शामिल है।
बैटरी के अतिरिक्त सेट से ड्रोन की निरंतर उड़ान सुनिश्चित होगी, एक दिन में ये ड्रोन आसानी से 20 एकड़ की दूरी तय कर सकता है।
ड्रोन चलाने के लिए दिया जाएगा प्रशिक्षण
महिला स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों में से एक को 15 दिन के प्रशिक्षण के लिए चुना जाएगा।
अनिवार्य ड्रोन पायलट प्रशिक्षण और पोषक तत्व तथा कीटनाशक अनुप्रयोग के कृषि उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त प्रशिक्षण शामिल है।
बिजली के सामान की मरम्मत, फिटिंग और यांत्रिक कार्यों में रुचि रखने वाले स्वयं सहायता समूह के अन्य सदस्यों को ड्रोन सहायक के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा।
ड्रोन निर्माता परिचालन दिशानिर्देशों में बताए गए प्रशिक्षण कार्यक्रम के अनुसार ड्रोन की आपूर्ति के साथ-साथ ये प्रशिक्षण एक पैकेज के रूप में प्रदान करेंगे।
राज्य सरकारें करेंगी मदद
योजना के तहत लाभार्थी समूह ड्रोन परिचालन से अधिक से अधिक लाभ अर्जित कर सके इसके लिए राज्य सरकारें मदद करेंगी।
दिशा निर्देशों में कहा गया है कि कृषि में ड्रोन का उपयोग अभी शुरुआती चरण में है, इसलिए राज्य इन गतिविधियों का बारीकी से निगरानी करेंगे और महिला एसएचजी को सहायता प्रदान करेंगे साथ ही उन्हें एक वर्ष में कम से कम 2000 से 2500 एकड़ क्षेत्र को कवर करने के लिए व्यवसाय शुरू करने में मदद करेंगे।
सरकार के मुताबिक ऐसा माना जा रहा है कि इस योजना के तहत पहलों से स्वयं सहायता समूहों को स्थायी व्यवसाय और आजीविका मिलेगी और वे अपने लिए अतिरिक्त आय अर्जित करने में सक्षम होंगे।
यह योजना किसानों के लाभ के लिए बेहतर दक्षता, फसल की बढ़ी पैदावार और कम संचालन लागत के लिए कृषि में उन्नत प्रौद्योगिकी को शामिल करने में मदद करेगी।
यह भी पढ़ें : फार्मर आईडी बनवाने वाले किसानों को ही मिलेगा पीएम किसान योजना का लाभ