हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

छोटे और मझोले किसानों को गेहूं बेचने में मिलेगी प्राथमिकता

 

22 मार्च से इंदौर और उज्जैन संभाग में होगी गेहूं खरीदी की शुरुआत

 

बाकी संभागों में एक अप्रैल से होगी खरीदी।

 

  • रिकॉर्ड 135 लाख टन खरीद की तैयारी
  • 50 रुपये बढ़ाया गया है समर्थन मूल्य, 1,975 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से होगी खरीद
  • पहली बार गोदाम संचालकों को भी गेहूं खरीदने का काम दिया
  • पिछले साल के मुकाबले साढ़े चार लाख से अधिक किसानों ने कराया पंजीयन

 

प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेूहं की खरीद 22 मार्च से शुरू होगी। इस बार समर्थन मूल्य पचास रुपये बढ़ाकर 1,975 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है।

अब तक गेहूं बेचने के लिए 24 लाख किसानों ने पंजीयन कराया है, जो पिछले साल से साढ़े चार लाख अधिक है।

किसानों की सुविधा को देखते हुए 4,529 क्रय केंद्र रखे गए हैं। पहली बार गोदाम संचालकों को भी गेहूं खरीदने की प्रक्रिया में शामिल किया गया है।

 

महिला स्व-सहायता समूह और कृषक उत्पादक समूह भी उपार्जन (क्रय) का काम करेंगे। सबसे पहले छोटे और मझोले श्रेणी के किसानों से खरीद होगी। बड़े क्षेत्र में खेती करने वाले 20 फीसद किसान ही शुरुआत में उपज बेच सकेंगे। इस बार रिकॉर्ड 135 लाख टन गेहूं खरीदने की तैयारी की गई है।

कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए खाद्य, नागरिक आपूर्ति और सहकारिता विभाग ने निर्देश दिए हैं कि मास्क लगाकर या गमछे से मुंह ढंककर ही किसान खरीद केंद्र पर आएं और शारीरिक दूरी का पालन करें। कोरोना गाइडलाइन का पालन अनिवार्य होगा।

 

यह भी पढ़े : ड्रिप-स्प्रिंकलर मिनी स्प्रिंकलर के लिए उद्यानिकी विभाग देगा अनुदान

 

चार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र के किसानों का सत्यापन

गेहूं बेचने के लिए किसानों ने जितना क्षेत्र बताया है उसका सत्यापन तहसीलदार सहित अन्य अधिकारियों से करवाया गया है।

चार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में गेहूं बोने वाली सभी किसानों को इसके दायरे में लिया गया है। वन पट्टाधारी किसानों के रकबे (क्षेत्र) और फसल का सत्यापन वन विभाग से कराया गया है।

 

सीधे खाते में होगा भुगतान

किसानों को भुगतान में विलंब न हो, इसके लिए सीधे उनके खाते में भुगतान किया जाएगा। इसके लिए सभी से बैंक खाते, आधार नंबर सहित अन्य जानकारी ली गई है। इसमें किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो, इसके लिए खातों की जांच भी कराई गई है।

किसानों को भुगतान होने या असफल होने की सूचना एसएमएस के माध्यम से मिलेगी। सभी प्रक्रिया पूरी होने पर तीन दिन में भुगतान की व्यवस्था रहेगी।

 

तीन तारीखें बताएंगे किसान

किसानों को यह सुविधा दी गई है कि वे अपनी सुविधा के अनुसार उपज बेचने के लिए तीन तारीखें चुनकर बताएं। पंजीयन के समय सभी किसानों से ये तारीखें ली जा चुकी हैं।

 

सीएम हेल्पलाइन पर कर सकते हैं शिकायत

किसान उपार्जन से संबंधित समस्या टोल फ्री नंबर सीएम हेल्प लाइन नंबर 181 पर दर्ज करा सकते हैं। इसके निराकरण की जिम्मेदारी जिला आपूर्ति नियंत्रक या अधिकारी की होगी।

वहीं, उपार्जन का काम बिना बाधा के चलता रहे इसके लिए राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम बनाया गया है। इसका नंबर 0755-2551471 है, जो सुबह आठ से रात आठ बजे तक संचालित रहेगा। जिला स्तरीय समिति भी रहेगी, जो सभी विवादों का अंतिम निराकरण करेगी।

 

खरीद केंद्र पर यह रहेगी व्यवस्था

– बिजली, पेयजल और शौचालय की व्यवस्था

– बारिश से बचाव के लिए पॉलिथिन

– किसानों की उपज छनाई और साफ करने की व्यवस्था

– खरीद केंद्र पर भीड़ न लगे, इसका प्रबंध

– शारीरिक दूरी का पालन करते हुए खरीद करना

– किसानों को वाहन खड़ा करने के लिए खुला स्थान

 

यह भी पढ़े : आज भी मप्र के कई इलाकों में आंधी-बारिश के आसार

 

source : naidunia

 

शेयर करे