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मालवा में बैंड-बाजे बजाकर लहसुन की बुवाई

लहसुन की बुवाई

लहसुन उत्पादक किसान बोले- ये मजाक नहीं, हमारी तकलीफ

 

लहसुन की कीमतों ने मालवा-निमाड़ सहित मध्यप्रदेश के किसानों को रुला दिया है।

दो महीने पहले सबसे बड़े उत्पादक रतलाम, मंदसौर, नीमच, इंदौर की मंडियों में थोक में लहसुन 45 पैसे से 1 रुपए प्रति किलो तक खरीदा गया। किसानों ने प्रदर्शन किए।

लहसुन के ढेर पर नाचे, लहसुन की अर्थी निकाली … अब किसान विरोध जताने के लिए बैंड-बाजों के साथ लहसुन की बुवाई कर रहे हैं। इसके VIDEO भी सामने आए हैं।

 

देखे पूरा विडियो

  • VIDEO सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे हैं।
  • इसमें कुछ किसान बैंड बाजे के साथ लहसुन की कट्टी सिर पर रख कर ट्रैक्टर सीडड्रिल के साथ बुवाई करने जाते हुए नजर आ रहे हैं।
  • एक दूसरे VIDEO में ट्रैक्टर की सीडड्रिल के आगे बैंड बाजे वाले चलते हुए नजर आ रहे हैं।
  • VIDEO मालवा के किसानों ने बनाकर पोस्ट किए हैं।

 

45 पैसे प्रति किलो

मालवा की पिपलिया की मंडी में 8 अगस्त को अधिकतम भाव 6201 रुपए क्विंटल रहा तो न्यूनतम भाव 51 रुपए क्विंटल रहा।

आप इस अंतर से समझ सकते हैं कि खराब और अच्छे लहसुन की कीमतों में कितना बड़ा अंतर आ गया है। यही किसान के गुस्से का कारण है।

पिछले दिन के मध्यप्रदेश की मंडियों की पड़ताल करने पर पता चला कि दलोदा ऐसी मंडी है, जहां एक किसान से 45 रुपए क्विंटल में लहसुन खरीद लिया गया।

यानी 45 पैसे प्रति किलो। ऐसा करने वाली यह इकलौती मंडी नहीं है।

लोदा के अलावा मनासा, मंदसौर, सैलाना, जावरा, सीहोर, सीतामऊ, शुजालपुर, मंदसौर, श्यामगढ़, रतलाम, महिदपुर, नीमच, नरसिंहगढ़, जावद, कालीपीपल, उज्जैन और इंदौर में भी 100 से लेकर 125 रुपए के आसपास लहसुन खरीदे गए हैं।

यही किसानों के गुस्से की वजह बने।

source : dainikbhaskar

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