हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

किसानों के लिए वरदान है सुपर सीडर कृषि यंत्र

आज के समय में कृषि क्षेत्र में फसलों की बुआई से लेकर कटाई और उसके प्रबंधन के लिए कई सारे कृषि यंत्र उपलब्ध है। ऐसे में किसान इन कृषि यंत्रों का उपयोग कर खेती को लाभकारी बना सकें इसके लिए सरकार द्वारा इन कृषि यंत्रों पर सब्सिडी भी दी जा रही है।

ऐसा ही एक कृषि यंत्र है सुपर सीडर। सुपर सीडर ट्रैक्टर के साथ जुड़कर कार्य करने वाला ऐसा यंत्र है जो फसल अवशेषों (नरवाई/पराली) की समस्या का निदान करने के साथ-साथ बुवाई भी करता है।

जो किसान धान की खेती के बाद गेंहू और चने की बुवाई करते हैं उनके लिए यह अत्यंत उपयोगी है।

 

सरकार खरीदने के लिए दे रही है सब्सिडी

सुपर सीडर धान अथवा अन्य किसी भी फसल के डंठल जिसे नरवाई कहा जाता है उसे आसानी से छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर मिट्टी में मिला देता है।

इसके उपयोग से नरवाई को जलाने की जरूरत नहीं पड़ती। इससे एक ओर पर्यावरण प्रदूषण पर नियंत्रण होता है वहीं दूसरी ओर मिट्टी के ऊपरी परत के उपयोगी जीवाणुओं के जीवन की रक्षा भी होती है।

यह भी पढ़े : समर्थन मूल्य पर मूंग और उड़द बेचने के लिए शुरू हुए किसान पंजीयन

सुपर सीडर से नरवाई वाले खेत में सीधे गेंहूचने अथवा अन्य फसल की बोनी की जा सकती है। इसके उपयोग से किसान को नरवाई की झंझट से मुक्ति मिलती है।

जो नरवाई किसान के लिए समस्या है उसे सुपर सीडर खाद के रूप में बदलकर वरदान बना देता है।

 

सरकार दे रही है सब्सिडी

एमपी में किसानों को शासन की विभिन्न योजनाओं के तहत सुपर सीडर खरीदने पर 40 से 50 प्रतिशत तक छूट दी जा रही है।

सुपर सीडर सामान्य तौर पर एक घण्टे में एक एकड़ क्षेत्र में नरवाई नष्ट करने के साथ बुवाई कर देता है।

गेंहू के बाद जिन क्षेत्रों में मूंग की खेती की जाती है वहाँ भी सुपर सीडर बहुत उपयोगी है

हार्वेस्टर से कटाई के बाद गेंहू के शेष बचे डंठल को आसानी से मिट्टी में मिलाकर सुपर सीडर मूंग की बुवाई कर देता है।

सुपर सीडर के उपयोग से जुताई का खर्च बच जाता है। फसल अवशेष नष्ट करनेजुताई और बुवाई एक साथ हो जाने से खेती की लागत घटती है।

जिन किसानों के पास ट्रैक्टर हैं उनके घर के शिक्षित युवा सुपर सीडर खरीदकर एक सीजन में एक लाख रुपए तक की कमाई कर सकते हैं।

बता दें एमपी में किसानों को सभी सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए MP Kisan App या kisan.mp.gov.in पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।

किसान यह रजिस्ट्रेशन आधार कार्ड, खसरा बी-वन की नकल, समग्र आईडी, मोबाइल नम्बर, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए जाति प्रमाण पत्र आदि आवश्यक दस्तावेजों की मदद से करा सकते हैं।

यह भी पढ़े : मानसून को लेकर IMD का सबसे बड़ा अपडेट, होगी तोबड़तोड़ बारिश