इमली का नाम सुनते ही बच्चों से लेकर बड़ो तक के मुहं में पानी आ जाता है.
मार्केट में इमली की खास डिमांड रहती है.
इसकी खेती से लाखों का मुनाफा कमाया जा सकता है. खेती के लिए जरूरी टिप्स जानिए.
इमली की खेती
मार्च का महीना चल रहा है. मार्च अप्रैल के महीने में ही इमली पकती है. इमली की खेती बड़ी ही मुनाफे की खेती कही जाती है.
किसानों को इससे काफी ज्यादा लाभ हो रहा है. इमली की खेती में सफलता के लिए एहतियात बरतना ज़रूरी है.
सही मिट्टी, समय पर पानी देना, उपयुक्त खाद और बीमारियों का प्रबंधन जरूरी है.
खेती के दौरान कीटों को नियंत्रित करने के लिए भी ध्यान देना चाहिए.
चलिए जानते हैं क्या है इमली की खेती के लिए अनुकूल जलवायु और कैसी होनी चाहिए इसके लिए मिट्टी.
कैसे करें इमली की खेती?
इमली पेड़ पर लगती है. इमली का नाम सुनते ही बच्चों से लेकर बड़ो तक के मुहं में पानी आ जाता है.
इमली का इस्तेमाल कई तरह की जरूरत में होता है. इसलिए मार्केट में इसकी अच्छी खासी डिमांड है.
भारत में इमली की सबसे ज्यादा खेती तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में की जाती है.
इमली का एक पेड़ सालाना 250 किलोग्राम इमली पैदा कर सकता है.
इमली की खेती के लिए तापमान 25 से 30 डिग्री के बीच होना चाहिए. इमली का पौधा गर्म हवाओं को और लू से भी प्रभावित नहीं होता.
लेकिन ठंड में इस पौधे को नुकसान पहुंच जाता है. इसलिए उस दौरान इसका खास ख्याल रखना होता है.
इमली की खेती करने के लिए अगर मिट्टी की बात करें तो लाल, काली और दोमट मिट्टी सही रहती है.
इसका पीएच मान 6.5 से 7.5 तक होना चाहिए.
इसलिए रहती है डिमांड
खाने की कई सारी चीजों में इमली का इस्तेमाल किया जाता है. इमली की चटनी बनाई जाती है.
सांभर बनाने में इस्तेमाल किया जाता है. इमली के अंदर विटामिन सी का काफी स्रोत होता है.
इससे इम्यूनिटी भी बूस्ट होती है. इमली का इस्तेमाल करने से दिल से जुड़ी बीमारियां दूर रहती हैं.
और साथ ही इसे पाचन तंत्र भी ठीक रहता है.