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ये चाय बागान नहीं, यह राजगढ़ की बल्डी हैं, जिन पर लहलहा रही गेहूं की फसल

 

बंजर जमीन इस बार हरी-भरी

जो तस्वीर आप देख रहे हैं यह किसी चाय बागान या पहाड़ी वादियों की छवि नहीं है, यह तस्वीर जिले के ग्रामीण क्षेत्र की बल्डियाें (पहाड़ियाें) की है। जिन पर गेहूं की फसल लहलहा रही है।

इससे यह पथरीली, बंजर जमीन इस बार हरी-भरी दिखाई दे रही है। यह फसल अगले दो सप्ताह में पककर तैयार हो जाएगी। जिलेे में इस रबी सीजन में 3 लाख 70 हजार 68 हेक्टेयर रकबे में बाेवनी की गई थी।

इसमें से 2 लाख 32 हजार 94 हेक्टेयर रकबे में गेहूं की उपज ली गई है। 80 प्रतिशत गेहूं की फसल की कटाई भी हो चुकी है। शेष 20 फीसदी फसल की कटाई अगले दो सप्ताह में हो जाएगी।

सिंचाई सुविधाएं बढ़ने के बाद जिले में खेती का रकबा बढ़ रहा है। अब तक बंजर रही बल्डियों पर भी फसल ली जा रही है।

 

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पिछले साल तक इस जमीन पर दिखती थीं कंटीली झाड़ियां

शहर के आसपास पथरीली बंजर जमीन पर पिछले साल तक कंटीली झाड़ियां दिखाई देती थी, लेकिन इस बार यहां नहरों से सिंचाई शुरू की है। इसके चलते यह पथरीली उबड़-खाबड़ पहाड़ियां सुंदर दिखाई दे रही है।

इसकी दो सप्ताह में कटाई हो जाएगी। चना, मसूर और सरसों सहित अन्य रबी फसल की कटाई किसानों ने पहले ही कर ली थी, अब थ्रेसिंग कार्य किया जा रहा है।

 

समर्थन पर खरीदी कल से

इस सीजन में समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी 1 अप्रैल से शुरू होगी। इसके लिए 114 खरीदी केंद्र बनाए गए हैं। 94 हजार किसानों ने समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए पंजीयन कराए हैं।

 

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source : dainikbhaskar

 

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