जैविक खेती करने पर सरकार दे रही 31,500 रुपए की सब्सिडी और प्रशिक्षण

परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) जैविक खेती की दिशा में एक प्रभावशाली पहल है.

यह योजना किसानों को न केवल आर्थिक सहायता देती है, बल्कि उन्हें प्रशिक्षण, सर्टिफिकेशन और विपणन जैसी सुविधाएं भी प्रदान करती है.

ऐसे में यह योजना देश में सतत और रसायन-मुक्त कृषि को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.

जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे प्रमुख कार्यक्रमों में से एक परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) है.

यह योजना प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (PM-RKVY) के अंतर्गत एक महत्त्वपूर्ण कम्पोनेंट के रूप में कार्य करती है.

सरकार इस योजना के माध्यम से किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है और उन्हें उत्पादन से लेकर विपणन तक की पूरी सहायता प्रदान कर रही है.

इस योजना के तहत सरकार का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक किसान जैविक खेती को अपनाएं और रासायनिक खेती/Chemical Farming पर निर्भरता कम हो.

इससे न केवल किसान की आमदनी में इजाफा होगा, बल्कि उपभोक्ताओं को भी स्वस्थ और सुरक्षित खाद्य उत्पाद मिलेंगे.

 

जैविक खेती के लिए क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण

PKVY योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को जैविक खेती की ओर प्रेरित करना और उन्हें एक क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण में संगठित करना है.

इस योजना के तहत, उत्तर-पूर्वी राज्यों को छोड़कर अन्य सभी राज्यों में जैविक समूहों का गठन किया जाता है ताकि किसानों को एक मजबूत सप्लाई चेन का हिस्सा बनाया जा सके.

इससे उत्पादन, प्रोसेसिंग, सर्टिफिकेशन और मार्केटिंग सभी प्रक्रियाएं सुचारु रूप से संचालित हो सकें.

 

आर्थिक सहायता और डीबीटी का लाभ

इस योजना के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को तीन वर्षों के लिए प्रति हेक्टेयर 31,500 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है.

  • इसमें से 15,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की राशि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से किसानों को प्रदान की जाती है.
  • यह राशि किसानों को फार्म पर और फार्म से बाहर जैविक इनपुट खरीदने के लिए मिलती है, जैसे कि जैविक खाद, कीटनाशक, कंपोस्ट आदि.

 

किसानों को मिलने वाले प्रमुख लाभ

परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत किसानों को निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं:

  • मिट्टी की उर्वरता में सुधार होता है क्योंकि जैविक खेती में प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग होता है.
  • रसायन मुक्त फसलें पैदा होती हैं, जो स्वास्थ्यवर्धक होती हैं.
  • जैविक उत्पादों की बाजार में उच्च मांग रहती है, जिससे किसानों को अच्छा मूल्य प्राप्त होता है.
  • पर्यावरण संरक्षण होता है और खेती की स्थायित्व बनी रहती है.
  • किसानों को प्रशिक्षण और मार्केटिंग सपोर्ट भी प्रदान किया जाता है, जिससे वे आधुनिक जैविक तकनीकों और बाजार रणनीतियों को समझ सकें.

 

योजना के लिए पात्रता और जरूरी दस्तावेज

PKVY के तहत सभी किसान और संस्थाएं आवेदन कर सकती हैं.

केवल वे किसान पात्र हैं जिनके पास अधिकतम 2 हेक्टेयर तक भूमि है.

आवेदन के समय कुछ जरूरी दस्तावेज देने होते हैं, जैसे:

  • आधार कार्ड नंबर
  • भूमि स्वामित्व के दस्तावेज
  • जाति प्रमाणपत्र (यदि लागू हो)
  • मोबाइल नंबर और बैंक खाता विवरण
  • पासपोर्ट साइज फोटो

8 कृषि यंत्रों पर किसानों को मिलेगी 50% तक सब्सिडी

source : krishijagranhindi

WhatsApp Group Join Now

Leave a Comment