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टमाटर और अन्य उद्यानिकी फसलों पर बढ़ रहा है बीमारियों का प्रकोप

मौसम के बदलते मिजाज का असर, फसल की सुरक्षा के लिए दवा का छिड़काव कर रहे किसान 

मौसम के बदलते मिजाज के कारण वरला तहसील क्षेत्र में टमाटर सहित अन्य उद्यानिकी फसलों पर बीमारियों का प्रकोप है। इससे किसान उद्यानिकी फसलों को बचाने के लिए जतन कर रहे हैं।

 

किसानों के अनुसार मौसम में बदलाव

किसानों के अनुसार मौसम में बदलाव हो रहा है। पारे के उतार-चढ़ाव से उद्यानिकी फसलों पर थ्रिप्स, फंगस, ब्लाइट, इल्ली आदि बीमारियों का प्रकोप है।

इसे लेकर किसान फसलों को बचाने के लिए कीटनाशकों का छिड़काव कर रहे हैं। बलवाड़ी के किसान मुश्ताक मंसूरी ने बताया वरला तहसील क्षेत्र में टमाटर, भिंडी, करेला, खीरा ककड़ी, मिर्च आदि फसलों का उत्पादन करते हैं।

इन फसलों में मौसम की मार के कारण कई प्रकार की बीमारियों का प्रकोप होता है। टमाटर की फसल में थ्रिप्स, फंगस, ब्लाइट, इल्ली आदि मौसमी बीमारियों का प्रकोप है।

फसलों की बचाव के लिए कीटनाशकों का छिड़काव किया जा रहा है, जिससे उन्हें बीमारी से बचाया जा सके।

बलवाड़ी के किसान विपुल लाठी, रविंद्र महाजन, सईद मंसूरी व अन्य किसान खेतों में सब्जी का उत्पादन करते हैं।

यहां से सब्जी इंदौर, महाराष्ट्र के जलगांव, चोपड़ा, अमलनेर और गुजरात के सूरत आदि शहर में बिकने जाती है।

पिछले साल भी मौसम की मार की वजह से सब्जी उत्पादन करने वाले किसानों को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा था।

इस वर्ष भी बीमारियों का प्रकोप है। किसान नई तकनीक का भी उपयोग करते हैं। इसके लिए समय-समय पर कृषि विशेषज्ञ के माध्यम से इन्हें सुरक्षित करने के लिए मार्गदर्शन भी लिया जाता है।

विशेषज्ञों के मार्गदर्शन से बेहतर उत्पादन करने होता है। लेकिन मौसम के लगातार बदलने के कारण फसलों को नुकसान होता है।

 

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