हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें
WhatsApp Group Join Now

ये हैं मिर्च की पांच सबसे बेहतरीन किस्में

 

दोगुना तक हो सकता है उत्पादन

 

बढ़ जाएगी कमाई

 

परंपरागत खेती से कुछ अलग खेती करने वालों को मिर्च की खेती खूब भाती है.

कम लागत में बढ़िया मुनाफा देने वाली ये फसल और मुनाफा कमवा सकती है कि बोते समय उन्नत बीजों का चयन किया जाए.

 

किसान अब परंपरागत खेती के अलावा दूसरी फसलों की खेती की ओर भी ध्यान दे रहे हैं.

सरकार का भी जोर परंपरा से हटकर खेती को बढ़वा देने पर है. इधर कुछ वर्षों में सब्जियों की खेती का रकबा और उत्पादन, दोनों बढ़ा है.

किसानों को इससे बढ़िया मुनाफा भी हो रहा है. ऐसी ही एक सब्जी मिर्च. इसके बिना तो हर सब्जी का स्वाद फीका रहता है.

इसकी मांग बाजार में हमेशा बनी रहती है ऐसे में इसकी खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा साबित होती है, और अगर मिर्च की उन्नत किस्म की खेती की जाए तो मुनाफे में और बढ़ोतरी हो सकती है.

 

दूसरी फसलों की ही तरह अगर मिर्च की खेती शुरू करने से पहले सही किस्मों का चयन कर लिया जाए तो उत्पादन और मुनाफा, दोनों बढ़ सकता है.

 

ये हैं मिर्च की सबसे बेहतरीन किस्में

काशी अर्ली

नाम में ही लिखा अर्ली. नाम के अनुरूप ही मिर्च की ये किस्म लगभग 45 दिनों में तोड़ने लायक हो जाती है जबकि दूसरी संकर किस्मों को 55 से 60 दिन में लग जाता है.

फलों की तुड़ाई ही एक सप्ताह के अंतराल पर की जा सकती है. 10 से 12 बार तुड़ाई की जा सकती है.

प्रति हेक्टेयर उत्पादन 300 से 350 क्वंविटल तक होता है. हरी मिर्च के लिए इसे सबसे बेहतर किस्म माना जाता है.

 

तेजस्विनी

इस किस्म के मिर्च की फलियां मध्यम आकार की होती है.

लंबाई लगभग 10 सेंटीमीटर लंबे होते हैं. फसल 75 दिनों में पहली बार तोड़ने लायक हो जाती है.

हरे फल का उत्पादन औसतन 200 से 250 क्विंटल तक होता है.

 

काशी तेज (CCH-4) F1 हाइब्रिड

मिर्च की इस किस्म की खेती किसान सूखे और हरे, दोनों के लिए करते हैं. से बहुत जल्दी लगभग 35 से 40 दिनों में ही तोड़ने लायक हो जाती है.

स्वाद में ये बहुत तीखा होता है और फल सड़न रोगों से लड़ने में सक्षम होता है.

एक हेक्टेयर में उत्पादन बड़े आराम से लगभग 135 से 140 क्विंटल तक हो जाता है.

 

पंजाब लाल

गहरी हरी पत्तियों वाली इस किस्म की मिर्च आकार में बौना और रंग में लाल होती है.

फसल पकने में लगभग 120 से 180 दिन लग जाते हैं.

प्रति हेक्टेयर 110 से 120 क्विंटल मिर्च की पैदावार होती है, सूखने पर 9 से 10 क्विंटल तक होता है.

 

जाहवार मिर्च 148

यह किस्म जल्द पक जाती है, जो कि कम तीखी मिर्च होती है. इसमें कुर्करा रोग का प्रकोप कम होता है.

हरी मिर्च लगभग 100 से 105 दिन में तैयार हो जाती है, तो वहीं लाल लगभग 120 से 125 दिन तैयार होती है.

इससे प्रति हेक्टेयर लगभग 85 से 100 क्विंटल हरी और लगभग 18 से 23 क्विंटल सूखी मिर्च प्राप्त हो जाती है.

source

 

यह भी पढ़े : सब्सिडी पर कृषि यन्त्र लेने हेतु आवेदन कल आखिरी

 

यह भी पढ़े : यह काम के कृषि यंत्र सब्सिडी पर ऑन डिमांड लेने हेतु आवेदन करें

 

 

शेयर करे