खेती की कमाई अलग
मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के किसान दीपेश वर्मा की आमदनी ‘कस्टम हायरिंग सेंटर योजना’ से कई गुना बढ़ी है.
सरकार से 8.16 लाख रुपये की सब्सिडी लेकर उन्होंने कृषि मशीनें खरीदीं, जिन्हें किराए पर देकर वे सालाना 8-10 लाख रुपये कमा रहे हैं.
इस योजना ने उनकी खेती और जीवनशैली में बड़ा बदलाव लाया है.
देशभर में किसानों के उत्थान के लिए केंद्र और राज्य सरकारें विभिन्न योजनाएं चला रही है, जिससे किसानों को काफी फायदा हो रहा है और उनकी जीवन में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है.
आज हम आपको मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के एक किसान की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसकी आमदानी को एक सरकारी योजना ने पंख लगा दिए है.
वह कृषि मशीनों को अन्य किसानों को किराए पर देकर सालना करीब 8 से 10 लाख रुपये की आय हासिल कर रहे हैं.
कई गुना बढ़ी किसान दीपेश की आय
दरअसल, केंद्र और मध्य प्रदेश सरकार दोनों मिलकर राज्य के किसानों की भलाई और खेती में मशीनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए ‘कस्टम हायरिंग सेंटर योजना’ चला रहे है.
सीहोर जिले के निपानिया गांव के किसान दीपेश वर्मा की आय भी इस योजना की वजह से कई गुना बढ़ गई है.
अब वह अपने खेत में मशीनों से फसल की बुवाई कटाई समेत अन्य काम करते हैं.
मशीन के किराए से होने वाली कमाई के अलावा उन्हें अपनी फसल से भी अच्छी कमाई हो रही है.
ट्रैक्टर-मशीन की खरीद पर मिली सब्सिडी
किसान दीपेश ने बताया कि कस्टम हायरिंग सेंटर योजना के माध्यम से उन्होंने दो ट्रेक्टर, एक ट्रॉली, दो सीडकम फर्टिड्रिल, दो कल्टीवेटर, एक स्ट्रा रीपर, एक रोटावेटर और एक प्लॉ की खरीद की, जिसके तहत उन्हें सरकार से 8 लाख 16 हजार रुपये की सब्सिडी मिली.
उन्होंने बताया कि अब इन कृषि मशीनों की मदद से न सिर्फ अपने खेतों में खेती कर रहे हैं, बल्कि इन मशीनों को किराए पर देकर हर साल 8 से 10 लाख रुपये तक की कमाई कर रहे हैं.
कस्टम हायरिंग सेंटर योजना से बदली जिंदगी
दीपेश वर्मा ने कहा कि कस्टम हायरिंग सेंटर योजना ने उनकी जिंदगी बदल दी है.
आज वह आधुनिक मशीनों से खेती कर रहे हैं, जिससे उनकी आय कई गुना बढ़ गई है. दीपेश कहते हैं कि सरकार की यह योजना वास्तव में किसानों की समृद्धि की दिशा में एक बड़ा कदम है.
बता दें कि इस योजना की मदद से राज्य के कई किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है.
कस्टम हायरिंग सेंटर योजना भारत सरकार और राज्य सरकार की एक संयुक्त पहल है, जिसके तहत किसानों को कृषि मशीन खरीदने के लिए सब्सिडी दी जाती है.
योजना का उद्देश्य छोटे और मध्यम किसानों को महंगी कृषि मशीनें खरीदने में सक्षम बनाना है, ताकि वे आधुनिक मशीनों की मदद से अपनी खेती को उन्नत बना सकें और इन मशीनों से अतिरिक्त आमदनी कमा सकें.
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