नहीं होगी उर्वरकों की कमी
भारत मेें उर्वरकों का प्रॉडक्शन बढ़ाया जाएगा. इसके लिए केंद्र सरकार ने कवायद शुरू कर दी है.
किसी उर्वरक की मांग देश में अधिक है और किसकी कम, इसका लेखा जोखा तैयार है.
देश में फर्टिलाइजरों की कमी न हो. इसको लेकर केंद्र सरकार में शीर्ष स्तर पर कवायद जारी है.
फर्टिलाइजर का विदेशों में एक्सपोर्ट ओर देश के किसानों की मांग पूरी करने के लिए केंद्र सरकार का पूरा एक्शन प्लान तैयार है.
बड़ी मात्रा में देश से फर्टिलाइजर को एक्सपोर्ट भी किया गया है.
एक्सपोर्ट के मामले में डीएपी फर्टिलाइजर की बड़ी साझेदारी है. वहीं यूरिया का प्रयोग भी देश और देश से बाहर खूब हो रहा है.
यूरिया की खपत का अनुमान
देश में रबी सीजन चल रहा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022 रबी सत्र के लिए यूरिया की खपत 180.18 लाख टन रह सकती है.
16 नवंबर तक उर्वरक की जरूरत 57.40 लाख टन थी. अब इसके 92.54 लाख टन होने का अनुमान है.
यूरिया की बिक्री का आंकड़ा 38.43 लाख टन रहा है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अलग अलग राज्यों में करीब 54 लाख टन यूरिया स्टॉक में बचा है.
यूरिया संयंत्रों में 1.05 लाख टन और बंदरगाहों पर 5.03 लाख टन का स्टॉक मौजूद है.
केंद्र सरकार का प्रॉडक्शन बढ़ाने पर जोर
देश में उर्वरक प्रॉडक्शन घटा है. लिहाजा केंद्र सरकार फर्टिलाइजर उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रही है.
अक्टूबर में उर्वरकों का घरेलू प्रॉडक्शन 36.19 लाख टन रहा है, जबकि इस महीने के लिए 41.54 लाख टन टारगेट तय किया गया था.
लक्ष्य के सापेक्ष यह 5 लाख टन कम है. लक्ष्य कम देखते हुए केंद्र सरकार थोड़ी टेंशन में हैं.
हालांकि जल्द ही स्थिति बेहतर होने का दावा किया जा रहा है.
अक्टूबर में फर्टिलाइजर की उपलब्धता 64.28 लाख टन है, जबकि इसकी मांग 71.47 लाख टन रही.
बिक्री की स्थिति देखें तो 53.34 लाख टन फर्टिलाइजर बेचा जा चुका है.
फर्टिलाइजर हुआ एक्सपोर्ट
भारत ने विदेशों में भी काफी फर्टिलाइजर एक्सपोर्ट किया है.
इस साल अक्टूबर में यूरिया और डाय-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) समेत साढ़े 23 लाख टन फर्टिलाइजर एक्सपोर्ट किया गया है.
डीएपी फर्टिलाइजर एक्सपोर्ट में सबसे बड़ा साझेदार है.
डीएपी को सबसे ज्यादा 14.70 लाख टन, पिफर 4.60 लाख टन यूरिया, 2.36 लाख टन म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी) और 1.70 लाख टन कॉम्प्लेक्स को एक्सपोर्ट किया गया है.
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