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कृषकों को सामयिक सलाह

 

किसान कल्याण तथा कृषि विकास परियोजना अधिकारी ने बताया सोयाबीन एवं धान फसल नहीं लगाने की स्थिति में कम अवधि की फसल जैसे मूंग, उड़द एवं चारे वाली फसलों की बुवाई मूंग एवं उड़द में रसचूसक का प्रकोप देखा जा रहा है।

उन्होंने किसान भाइयों को सलाह दी है कि इसके नियंत्रण हेतु थायोमेथाक्साम 25 डब्लू. जी. /250  ग्राम का छिड़काव करें।

 

सोयाबीन

खरपतवार 20-25 दिन पहले बोई गई सोयाबीन की फसल में निंदाई, गुड़ाई कर खरपतवार नष्ट करें अन्यथा फसल पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।

कुछ स्थानों पर सोयाबीन में पीला मोजेक बीमारी का प्रकोप प्रारंभ हो गया है।

अतः किसान भाइयों को सलाह दी जाती है कि, इससे ग्रसित पौधों को अपने खेत से उखाड़कर गढ्ढ़े में गाढ़ दे तथा इसको अन्य पौधों पर फैलाने वाली सफेद मक्खी के नियंत्रण हेतु थायोमेथाक्साम 25 डब्ल्यू.जी. /250  ग्राम प्रति हेक्टेयर की दर का 500 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें।

 

सोयाबीन में पत्ती खाने वाले कीट दिखने पर इमामेक्टिन बेंजोएट 5 एस.जी. /250  ग्राम प्रति हेक्टेयर की दर का 500 लीटर पानी के साथ घोल बनाकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें।

दवा छिड़काव के 3 घंटे के भीतर बारिश हो जाने पर पुनः छिड़काव जरूरी है व साबुन के घोल का उपयोग करें।

बीज उत्पादन के लिये उगाई जाने वाली सोयाबीन की फसल में अन्य किस्मों के पौधों का निष्कासन करें जिससे बीज की शुद्धता बनी रहे।

खरपतवार नाशी के लिये बोने के 15-20 दिन बाद ईमेजाथापर 10 एस.एल. @ 1 लीटर या ईमेजाथापर 35 ई.सी. +इमेजामाक्स 35 ई.सी. @ 750  मि.ली. प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें।

 

धान रोपाई

उन्होंने किसान भाइयों को सलाह दी है कि धान के खेत में मेंड़ों को बांधकर रखें तथा जल्द से जल्द रोपाई का कार्य पूर्ण करें। रोपा किए गए खेतों में लगभग 5 से.मी. पानी रोक कर रखें।

नत्रजन उर्वरक का प्रयोग रोपा लगाने के 7 दिन पश्चात् करें। धान की फसल में सकरी, चौड़ी एवं मोथा कुल के खरपतवार के नियंत्रण हेतु बुवाई के 20 से 25 दिन के अंदर फिनोक्साप्राप-पी-ईथाइल 300 मि.ली. + बेंटाजोन 800 मि.ली. प्रति एकड़ की दर से 150 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

जिन किसान भाइयों के खेतों में धान की फसल में कन्से निकल रहे है, उन्हें सलाह दी है कि नत्रजन की दूसरी मात्रा का छिड़काव (Top Dressing) करें, जिससे कन्से की स्थिति में सुधार आयेगा।

फसल में कीट या खरपतवार होने की स्थिति में दोनों के नियंत्रण के बाद ही यूरिया का छिड़काव करें।

 

उड़द

वनस्पतिक 20-25 दिन पहले बोई गई उड़द की फसल में नींदानाशक हेतु फोमेसाफेन + फलुयाजीफोप-पी-बूटाइल @1  लीटर प्रति हेक्टेयर या प्रोपक्युजाफोप @ 2  लीटर प्रति हेक्टेयर के दर से छिड़काव कर सकते है।

 

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