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कृषि विभाग द्वारा किसानों को दी गई सलाह

24-जनवरी-2021

 

कृषि विभाग द्वारा खराब मौसम में पाला पड़ने की संभावना होने पर फसलों को बचाव के लिए किसानों को सलाह दी गई है। पाले से बचाव के लिए फसलों में हल्की सिंचाई करने तथा थायों यूरिया की 500 ग्राम मात्रा का 1000 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करने की सलाह दी गई है।

साथ ही 8 से 10 किलोग्राम सल्फर पाउडर प्रति एकड़ का भुरकाव करने और घुलनषील सल्फर 3 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर एवं 0.1 प्रतिशत गंधक अम्ल का छिड़काव करना चाहिए।।

कृषि विभाग द्वारा किसानों को सलाह दी गई है कि थोड़ी देर से बुवाई फसल में सिंचाई के साथ एक-तिहाई नत्रजन (33 किलोग्रामध्हेक्टेयर) अर्थात यूरिया (70-72 किलोग्रामध्हेक्टेयर) सिंचाई के पूर्व भुरककर देना चाहिए। अगेती बुवाई वाली किस्मों में और सिंचाई न करें, पूर्ण सिंचित समय से बुवाई वाली किस्मों में 20-22 दिन के अन्तराल पर सिंचाई करें।

 

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साथ ही आवश्यकता से अधिक सिंचाई करने पर फसल गिर सकती है, दानों में दूधिया धब्बे आ जाते है तथा उपज कम हो जाती है। बालियों निकलते समय फव्वारा विधि से सिंचाई न करें अन्यथा फूल खिर जाते है।

दानों का मुॅह काला पड़ जाता है व करनाल बंट तथा कंडुवा व्याधि के प्रकोप का डर रहता है। शीघ्र एवं समय से बोई गई फसलों में उगे हुए खरपतवारों को जड़ सहित उखाड़कर जानवरों के चारे के रूप में इस्तेमाल करने या गड्ढे में डालकर कार्बनिक खाद तैयार करने की सलाह दी गई है।

इसी प्रकार थोड़ी देर से बोई गई फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए खुरपी या हैण्ड हो से फसल में निराई-गुड़ाई करना चाहिए।

श्रमिक उपलब्ध न होने पर जब खरपतवार 2-4 पत्ती के हैं, तो चौड़ी पत्ती वालों के लिए 4 ग्राम मेटसल्फ्युरोंन मिथाइल या 650 मिलीलीटर 2,4-डीध्हैं. का छिडकाव करें। संकरी पत्ती वालों के लिए 60 ग्राम क्लोडिनेफोप प्रोपरजिल प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़के।

 

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दोना तरह के खरपतवारों के लिए उपरोक्त को मिलाकर या बाजार में उपलब्ध इनके रेडी-मिक्स उत्पादों को छिडकें। छिडकाव के लिए स्प्रयेर में फ्लैट फैन नोजल का इस्तेमाल करें।

गेहॅू फसल के उपरी भाग (तना व पत्ते) पर गेहूं की इल्ली तथा माहु प्रकोप होने की दशा में इमिडाक्लोप्रिड 250 मिली ग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।

 

गेहॅू में हेड ब्लाइट रोग आने पर प्रोपिकेनाजोल एक मिली लीटर दवा प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर फसल पर छिड़काव करें। उच्च गुणवता युक्त बीज जैसे कि आधार बीज की फसल में एक बार और रोगिंग करने से बीज की गुणवत्ता बढ़ जाती है।

 

 

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