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कब, कहां और कैसे करें नैनों यूरिया का प्रयोग

 

नैनों यूरिया

 

अगर आप किसान हैं और चाहते हैं कि आपके खेत में बोई गई फसल के पौधों में तेजी से बढ़वार हो तो आपको यूरिया की विशेष किस्म का प्रयोग करना होगा।

इससे पौधे तेजी से बढ़ते हैं वहीं फसल का प्रति हेक्टयेर उत्पादन भी बढ़ता है।

यहां बता दें कि आजकल वैज्ञानिक युग में पारंपरिक ढंग से खेती करना पिछड़ापन माना  जाता है।

ऐसे में इफको ने नैनो यूरिया तैयार किया है। यह नया यूरिया फसल के लिए काफी कारगर साबित होगा।

वहीं परंपरागत यूरिया से सस्ता होने के कारण इससे पैसे की बचत भी होती है। यहां नैनो यूरिया के बारे में संपूर्ण जानकारी आपको दी जा रही है? 

 

ये हैं नैनो यूरिया के इस्तेमाल के फायदे 

आपको बता दें कि नैनो यूरिया कई प्रकार से फसलों के लिए फायदेमंद है। फसल में जल्दी वृद्धि के साथ ही यह फसल को कीट-पतंगों से भी बचाता है।

इसके मुख्य फायदे इस प्रकार हैं-: 

  • नैनो यूरिया से बीज जल्दी अंकुरित होते हैं। 
  • यह फोटोसिंथेटिक एक्टिविटी, नाईट्रोजन मेटाबोलिज्म और कार्बोहाइडे्रेट एवं प्रोटीन संश्लेषण की दर को बढ़ा कर फसल उत्पादकता में सुधार करता है। 
  • यह खाद पोषक तत्वों से भरपूर है।
  • नैनो यूरिया की किस्म अन्य रासायनिक उर्वरकों की तुलना में सस्ती होती है। इसे पौधे आसानी से अवशोषित कर लेते हैं। 

 

क्या कहते हैं इफको के उपाध्यक्ष दिलीप शंगानी 

इफको के यूरिया नैनो के बारे में संस्थान के उपाध्यक्ष दिलीप शंगानी ने कहा है कि इफको नैनो यूरिया 21 वीं सदी का एक उत्पाद है और यह पर्यावरण को मिट्टी, हवा एवं पानी को भविष्य की पीढिय़ो के लिए सुरक्षित रखना और सभी के लिए भोजना पर्याप्त रखना समय की मांग है।

 

जागरूकता के लिए चलाया नैनो यूरिया रथ 

बता दें कि नये यूरिया नैनो के प्रति किसानों को जागरूक करने के लिए भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड इफको ने नैनो जागरूकता रथ शुरू करने का ऐलान किया है।

इस पहल से किसानों को बताया जाएगा कि फसलों में नैनो यूरिया का किस तरह से सही इस्तेमाल किया जाए।

वहीं इफको जागरूकता रथ मध्यप्रदेश के शिवपुरी से रवाना किया गया। इसे जिला कलेक्टर अक्षय कुमारसिंह ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया है।

यह रथ जिले के हर गांव में पहुंचेगा और नैनो यूरिया के प्रति सभी किसानों को जागरूक करेगा।

नैनों यूरिया का यह रथ 30 दिनों तक जिले का दौरा करेगा। रथ के माध्यम  से किसानों को नैनो यूरिया के फायदों के बारे में जानकारी दी जाएगी।

 

नैनो यूरिया में है नाइट्रोजन की भरपूर मात्रा 

नैनो यूरिया नाइट्रोजन का प्रमुख स्त्रोत है। यह पौधों की संरचना एवं वृद्धि के लिए उपयोगी बताया जा रहा है।

इफको के अधिकारियों ने फील्ड परीक्षणों के आधार पर यह दावा किया है कि नैनो यूरिया के इस्तेमाल से पारंपरिक यूरिया के मुकाबले उत्पादन औसतन 8 फीसदी बढ़ जाता है।

इस साल 26 जनवरी तक इफको ने नैनो यूरिया का 2 करोड़ बोतलों का उत्पादन कर लिया था।

सरकार की मंशा पारंपरिक यूरिया को नैनो यूरिया से रिप्लेस करने की है।

उम्मीद है कि अगले दो-तीन साल में पारंपरिक यूरिया का इस्तेमाल काफी कम कर देंगे।

इफको प्रबंधन की ओर से नैनो यूरिया की वार्षिक उत्पादन क्षमता 32 करोड़ बोतल करने का लक्ष्य है।

 

नैनो यूरिया की कीमत 240 रुपये 

यहां बता दें कि नैनो यूरिया किफायती है। इसकी एक बोतल की कीमत एक बैग यूरिया के बराबर यानि 240 रुपये है।

यह तरल होने के कारण लाने-ले जाने में सुगम होगा। कई जगहों पर किसानों की मौजूदगी में नैनो यूरिया का छिडक़ाव ड्रोन से किया जा रहा है।

 इसका किसानों को भी प्रशिक्षण देने का काम शुरू हो चुका है।

नैनो यूरिया के उपयोग का तरीका यह है कि इसे 500 मिलीमीटर की एक बोतल को पानी में मिलाने के लिए पानी की मात्रा करीब 100 लीटर होनी चाहिए।

छिडक़ाव करने के कारण इसका पर्यावरण पर विपरीत असर नहीं पड़ता बल्कि इससे कीट भी फसल को नुकसान नहीं पहुंचा सकते।

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