सफेदा के पेड़
सफेदा फर्नीचर, ईंधन तथा कागज का लुगदी बनाने के काम आता है.
हालांकि, इसकी खेती के दौरान किसानों को संयम बरतने की जरूरत है.
ऐसा नहीं है कि इसके पौधे को लगाते ही आपका मुनाफा कई गुना बढ़ जाएगा.
यह पौधा तकरीबन 5 से 6 सालों में एक पेड़ के तौर पर विकसित होता है.
किसानों के बीच पेड़ों की खेती काफी लोकप्रिय हो रही है.
इनकी खेती आपको बेहद कम समय में बढ़िया मुनाफा दे जाती हैं.
देश के कई राज्यों में किसान सफेदा की खेती भी बड़े पैमाने पर करते हैं.
इसकी खेती कर किसान आराम से करोड़पति बन सकते हैं.
सफेदा की खेती में सयंम बरतने की जरूरत
सफेदा की लकड़ियों का इस्तेमाल फर्नीचर, ईंधन तथा कागज का लुगदी बनाने के काम आता है.
यह पौधा तकरीबन 5 से 6 सालों में एक पेड़ के तौर पर विकसित होता है.
इसकी खेती के लिए तापमान तकरीबन 30 से 35 डिग्री उपयुक्त होता है.
ध्यान रखें कि खेतों में जलनिकासी की व्यवस्था बढ़िया होनी चाहिए वर्ना फसलों को नुकसान नहीं होना चाहिए.
बुवाई से पहले करें ये काम
सफेदा के पौधे लगाने से पहले उसकी जुताई करें.
जुताई करने के बाद मिट्टी को अच्छी तरह से समतल कर लें.
खेत समतल होने के बाद 5 फिट की दूरी पर एक फिट चौड़ाई और गहराई के गड्डे तैयार करें.
प्रत्येक पंक्तियों के बीच 5 से 6 फिट की दूरी रखें.
एक हेक्टेयर में लगाएं 3 हजार पौधे
विशेषज्ञों के अनुसार एक हेक्टेयर क्षेत्र में यूकेलिप्टस के 3000 हजार पौधे लगाए जा सकते हैं.
इस पौधे की नर्सरी से बहुत ही आसानी से 7 या 8 रुपए में ही मिल जाते हैं.
इस अनुमान से इसकी खेती में 21 हजार से 30 हजार रुपये का ही खर्चा आता है.
इसके अलावा इसकी देख-रेख और सिंचाई में अलग 20 से 30 हजार रुपये सालाना खर्चे आते हैं.
मिलेगा बंपर मुनाफा
सफेदा के एक पेड़ से तकरीबन 400 किलो लकड़ी प्राप्त होती है.
बाजार में इसकी एक किलो लकड़ी की कीमत 6 से 9 रुपये प्रति किलो के भाव से बिकती है.
तीन हजार पेड़ लगाते हैं. तो आसानी से एक करोड़ रुपये तक कमा सकते हैं.
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