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देश में 382 लाख टन गेहूं , 119 लाख टन धान की खरीदी हुई

देश में 382 लाख टन गेहूं , 119 लाख टन धान की खरीदी हुई

गेहूं के लिए 42 लाख किसानों को 73,500 करोड़ रुपये की राशि मिली

सरकारी एजेंसियों द्वारा गत 16 जून को किसानों से गेहूं की खरीद अब तक के शीर्षतम रिकॉर्ड स्तर तक जा पहुंची, जब केंद्रीय पूल के लिए कुल खरीद 382 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) तक पहुंच गई।

पहले लॉकडाउन के कारण खरीद शुरू होने में एक पखवाड़े की देरी हुई और ज्यादातर गेहूं अधिशेष वाले राज्यों में 1 अपैल के मानक समय के विपरीत 15 अप्रैल से खरीद शुरु की गई। इस वर्ष पारंपरिक मंडियों के अलावा सभी संभावित स्थानों में खरीद केंद्र खोलकर खरीद केंद्रों की संख्या 14,838 से बढ़ाकर 21,869 कर दी गई। इससे मंडियों में आने वाले किसानों की संख्या में कमी किए जाने और उचित सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने में मदद मिली है।

इस वर्ष 127 एलएमटी की खरीद करने वाले पंजाब को पीछे छोड़ते हुए मध्य प्रदेश केंद्रीय पूल में 129 एलएमटी गेहूं के साथ सबसे बड़ा योगदानकर्ता बन गया। हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान ने भी गेहूं की राष्ट्रीय खरीद में महत्वपूर्ण योगदान दिया। पूरे भारत में 42 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं और गेहूं के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य के तौर पर उन्हें कुल 73,500 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया गया है।

इसी अवधि के दौरान, 13,606 खरीद केंद्रों के माध्यम से सरकारी एजेंसियों द्वारा 119 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई। अधिकतम खरीद तेलंगाना द्वारा की गई जिसमें 64 एलएमटी का योगदान दिया उसके आंध्र प्रदेश ने 31 एलएमटी का योगदान किया।

मध्यप्रदेश ने देश में गेहूँ खरीदी का रिकार्ड बनाया

मध्यप्रदेश ने समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन में देश में नया रिकार्ड बनाया है। प्रदेश में 15 जून तक एक करोड़ 29 लाख 28 हजार मीट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन मध्यप्रदेश में किया गया है। गेहूँ की यह मात्रा पूरे देश में किसी राज्य द्वारा अब तक की गई खरीदी का ऑल टाइम रिकार्ड है।

मध्यप्रदेश सरकार ने उपार्जित गेहूँ में से एक करोड़ 25 लाख मीट्रिक टन गेहूँ गोदामों में सुरक्षित परिवहन किया है, जो कि कुल उपार्जन का 97 प्रतिशत है। उपार्जित गेहूँ के विरूद्ध लगभग 22 हजार करोड़ का भुगतान 14 लाख 88 हजार किसानों के खातों में किया गया।

मध्यप्रदेश ने रबी पिपणन वर्ष 2020-21 में 129 लाख मी. टन रिकार्ड गेहूं की खरीदी कर पंजाब को पछाड़ दिया है। राष्ट्रीय उपार्जन में म.प्र. ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इससे भारत के अन्य राज्यों को विभिन्न योजनाओं में गेहूं प्रदाय करने में म.प्र. का अत्यधिक योगदान रहेगा। भारतीय खाद्य निगम (एससीआई) की अगुवाई में राज्य सरकारों और सभी सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा बिना किसी देरी के और सुरक्षित तरीके से किसानों से गेहूं की खरीद किए जाने के प्रयास किए गए।

– अनुपम बी व्यास
महाप्रबंधक भारतीय खाद्य निगम

 

source : krishak jagat