MSP पर उपज बेचने में नही होगी परेशानी
सरकार ने किसानों के हित में गिरदावरी को लेकर आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए गिरदावरी में संशोधन कराने की अवधि को 15 अप्रैल तक बढ़ा दिया है।
सरकार की अनेकों योजनाओं का लाभ किसानों को फसलों की गिरदावरी के आधार पर मिलता है जिसमें फसल बीमा योजना, मूल्य समर्थन योजना आदि शामिल है।
ऐसे में इस वर्ष रबी सीजन में जिन किसानों की गिरदावरी में किसी प्रकार की गड़बड़ी है वे किसान इसे 15 अप्रैल 2025 तक सही करा सकते हैं।
जिससे किसानों को उनकी उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि की MSP पर बेचने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।
इस संबंध में मध्य प्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने बताया है कि किसानों के हित में (डिजिटल फसल सर्वेक्षण) गिरदावरी में संशोधन एवं दावा-आपत्ति करने की अवधि को 15 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है।
इससे किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूँ की बिक्री के लिये कराये गये पंजीयन की जानकारी और गिरदावरी की जानकारी में आ रहे अंतर में सुधार करवा सकेंगे।
गौरतलब है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की बिक्री के लिये किसानों द्वारा कराये गये पंजीयन में दी गयी जानकारी और पटवारी द्वारा की गई गिरदावरी में भिन्नता होने से आयुक्त खाद्य कर्मवीर शर्मा ने आयुक्त अभिलेख को गिरदावरी में संशोधन/दावा आपत्ति करने की अवधि 15 अप्रैल तक बढ़ाये जाने का आग्रह किया था।
गिरदावरी में कौन–कौनसी बातें होती है दर्ज
गिरदावरी में किसान के खेत की जमीन के बारे में जानकारी होती है। इसमें जमीन के मालिकों का नाम, जमीन में उनका हिस्सा शामिल होता है।
इस चीज से जमीन के विवरण में पुष्टि हो जाती है। पटवारी द्वारा जमीन की माप ली जाती है और उसकी बाउंड्री को वेरिफाई किया जाता है।
पटवारी द्वारा ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि पता लगाया जा सके कि जमीन का रिकॉर्ड सही है या नहीं।
गिरदावरी के तहत जमीन पर जो फसलें उगाई जाती है उनके नाम, प्रकार, खेती का एरिया और उपज का रिकॉर्ड दर्ज किया जाता है।
जमीन के मालिकाना हक में किसी तरह का बदलाव जैसे– बिक्री, खरीद, विरासत या ट्रांसफर आदि का रिकॉर्ड भी दर्ज किया जाता है
। इसके अलावा अन्य जानकारी जैसे– जमीन की स्थिति, उर्वरकों व कीटनाशकों का उपयोग आदि जो फसल की उपज को प्रभावित कर सकता है, उसका रिकॉर्ड भी दर्ज किया जाता है।
किसान कैसे करा सकते हैं गिरदावरी संशोधन के लिए दावा आपत्ति दर्ज
किसान अपने द्वारा दी गई गिरदावरी की जानकारी 15 अप्रैल तक 2025 तक जांच सकते हैं। यदि गिरदावरी और पंजीयन विवरण में कोई अंतर हो तो वे अपने दस्तावेजों के साथ दावा– आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।
यह प्रक्रिया ऑनलाइन पोर्टल से भी की जा सकती है जिससे किसानों को सरकारी ऑफिसों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
मध्यप्रदेश के किसान जो ऑनलाइन दावा आपत्ति दर्ज कराना चाहते हैं, वे नीचे दिए गए तरीके से अपनी दावा आपत्ति दर्ज करा सकते हैं:
मध्य प्रदेश के किसान अपनी गिरदावरी में संशोधन के लिए “एमपी किसान ऐप” (Install MP Kisan App) के माध्यम से ऑनलाइन जानकारी दर्ज कर सकते हैं, जो कि गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है.
यहाँ प्रक्रिया दी गई है:
- सबसे पहले गूगल प्ले स्टोर से “एमपी किसान ऐप” डाउनलोड (Download or Install) करें।
- इसके बाद एप पर पंजीकरण करें।
- लॉगिन करें और “फसल स्व–घोषणा” ऐप डाउनलोड करें।
- अपने खेत को जोड़े, खसरे की जानकारी देखें।
- इसके बाद फसल की जानकारी दर्ज करें।
इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए किसान अपने क्षेत्र के पटवारी या खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग से संपर्क कर सकते हैं।
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