सरकार का पशुपालकों को तोहफा
खेतों में रासायनिक खाद के इस्तेमाल से जमीन की उर्वरता में कमी तो आई ही है स्वास्थ्य को भी बेहद नुकसान पहुंचा है.
रासायनिक उर्वरक का उपयोग कर उगाई गई सब्जियां कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों को बुलावा देती हैं.
यही वजह है पिछले कुछ सालों में खेती-किसानी में जैविक खाद के उपयोग का बढ़ावा दिया जा रहा है.
खेती-किसानी में रासायनिक उर्वरकों के उपयोग का परिणाम ये हुआ कि भारत में काफी बड़ी संख्या में लोग अस्वस्थ हुए हैं.
हालांकि पिछले कुछ सालों में किसानों को खेतों में जैविक खाद का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित भी किया जा रहा है.
इसको लेकर समय-समय पर कई तरह की योजनाएं भी लॉन्च की जाती रही है.
किसानों को हासिल होगा डबल मुनाफा
मध्य प्रदेश में प्राकृतिक खेती के लिए देशी गाय पालने वाले किसानों को शिवराज सरकार 900 रुपये महीना अर्थात 10 हजार 800 रुपए प्रतिवर्ष उपलब्ध कराए जाएंगे.
इसके अलावा किसान दूध को बेच बढ़िया मुनाफा हासिल कर सकते हैं.
साथ ही गोबर और मूत्र को खेतों में खाद के तौर पर उपयोग में भी लाया जा सकेगा.
प्राकृतिक खेती की ट्रेनिंग
सीएम शिवराज ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि जो किसान प्राकृतिक खेती करेगा, और इसके लिए एक गाय खरीदेगा, उसे 900 रुपए माह सरकार के खजाने से दिया जाएगा.
गाय के पालन के लिए रासायनिक खाद और कीटनाशकों से हमारी धरती का स्वास्थ्य खराब हो रहा है. इससे अन्न प्रदूषित हो रहा है. इससे बीमारियां हो रही हैं.
मैं खुद इस साल 5 एकड़ जमीन में प्राकृतिक खेती करूंगा. प्राकृतिक खेती की ट्रेनिंग देने के लिए लोग भी लाए जा रहे हैं.
प्राकृतिक खेती में गोबर व गौ-मूत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है, इसलिए किसानों को गाय के लिए राज्य सरकार प्रतिमाह 900 रुपये उपलब्ध कराएगी : CM
प्रदेश के 17 जिलों में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए कृषक संगोष्ठियाँ की गईं।#मिशन_ग्रामोदय_मध्यप्रदेश #मिशन_नगरोदय_मध्यप्रदेश pic.twitter.com/m2vkeRBxWt
— Agriculture Department, MP (@minmpkrishi) May 19, 2022
रोगों से मिलेगी निजात
शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा कि एक गाय का गोबर और गो-मूत्र 30 एकड़ जमीन के लिए पर्याप्त होता है.
इसके भरपूर फायदे हैं लागत कम होती है. पानी की जरूरत कम पड़ती है.
जो फसल आती है वह बिना किसी दोष के होती है जिससे कोई रोग नहीं होगा.
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