मीठी क्रांति से होगा छोटे किसानों की आजीविका में सुधार
सहकार में है प्रगति का मंत्र
मीठी क्रांति से होगा छोटे किसानों की आजीविका में सुधार, सुधरेगी मधुमक्खी पालकों की वित्तीय स्थिति.
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड के साथ गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ का उत्पाद अमूल हनी लांच किया.
इस अवसर पर तोमर ने कहा कि प्रगति का मंत्र सहकार में ही है.
सहकारिता की भावना के अनुरूप कार्य किया जाए तो अमूल जैसा वृहद संस्थान बनता है.
जिसके माध्यम से राज्य और देश की प्रगति होती है.अमूल की श्वेत क्रांति सहकारिता के क्षेत्र में मील का पत्थर है.
तोमर ने जीसीएमएमएफ, बनासकांठा डेयरी, राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड, नेफेड, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अधिकारियों के प्रयासों की सराहना की.
उन्होंने कहा कि अमूल दुग्ध उत्पादन व विपणन के अलावा छोटे किसानों को रोजगार के अवसर भी प्रदान करता है.
इस प्रकार देश की समग्र प्रगति में मदद करता है.
“श्वेत क्रांति” की तर्ज पर अब “मीठी क्रांति
केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि “श्वेत क्रांति” की तर्ज पर अब “मीठी क्रांति” के लिए बनास डेयरी ने काम किया है.
छोटे किसानों की आजीविका में सुधार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन व शहद मिशन देश में किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में लागू किया गया है.
500 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ मधुमक्खी पालकों को सतत सहायता की जा रही है.
स्थापित की जा रही हैं शहद परीक्षण प्रयोगशालाएं
तोमर ने कहा कि गुणवत्ता के लिए देश में 5 बड़ी क्षेत्रीय शहद परीक्षण प्रयोगशालाएं और 100 मिनी शहद परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित की जा रही हैं. जिनमें से तीन बड़ी व 13 मिनी खुल चुकी हैं.
उन्होंने कहा कि भारतीय शहद को पूरे देश में शहद के अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप खड़ा करने की जरूरत है.
विश्वास व्यक्त किया कि अमूल हनी अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय शहद की अच्छी गुणवत्ता का प्रदर्शन करेगा.
मधुमक्खी पालकों को दिया आश्वासन
अमूल गुणवत्ता वाले भारतीय शहद का निर्यात बढ़ाने में मदद करेगा.
तोमर ने मधुमक्खी पालकों को आश्वासन दिया कि एनबीएचएम लागू होने से मधुमक्खी पालकों की वित्तीय स्थिति सुधरेगी.
उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत सरकार मधुमक्खी पालन विकास के लिए सभी आवश्यक सहायता प्रदान करेगी.
इस मौके पर केंद्रीय डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने मधुमक्खी पालन क्षेत्र के विकास पर जोर देने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया.
अतिरिक्त आय कमाने का जरिया
रूपाला ने मधुमक्खी पालकों को प्रोत्साहित किया कि वे शहद के साथ-साथ मधुमक्खी पालन के उत्पादों द्वारा अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकते हैं.
जैसे मधुमक्खी मोम, पराग, रॉयल जेली आदि, क्योंकि इनकी भारतीय व अंतरराष्ट्रीय बाजार में उच्च मांग और बेहतर कीमत है.
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