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बजट में ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने का हुआ है ऐलान

 

किसानों को कैसे और क्या होगा फायदा

 

ड्रोन से कीटनाश के छिड़काव को लेकर केंद्र सरकार ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर यानी एसओपी जारी की थी.

उस वक्त केंद्रीय कृषि एवं कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि पिछले साल देश में टिड्डियों के प्रकोप को ड्रोन सहित नई टेक्नोलॉजी के माध्यम से कंट्रोल किया गया था.

 

देश का आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र में ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा देगी.

ड्रोन का इस्तेमाल कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने में सक्षम है.

उन्होंने बजट भाषण में कहा था कि फसलों का आकलन करने, भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल बनाने के साथ-साथ कीटनाशकों और पोषक तत्वों के छिड़काव में मदद करने के लिए किसान ड्रोन को बढ़ावा दिया जाएगा.

 

ड्रोन के साथ ही डिजिटल तकनीक को बढ़ावा देने और कृषि स्टार्टअप्स की मदद करने के लिए नाबार्ड की तरफ से फाइनेंसिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी.

सरकार की कोशिश है कि नई तकनीकों के लाभ से किसानों को वंचित नहीं रखा जाए.

सरकार मानती है कि इनका लाभ लेकर कृषि क्षेत्र में व्यापक बदलाव लाया जा सकता है.

 

लागत में कमी आने की उम्मीद और समय की होगी बचत

कृषि क्षेत्र में ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की बात कही गई है तो यह जानना जरूरी है कि किसान इससे कैसे लाभ ले पाएंगे.

जैसा की हम सब जानते हैं कि इस समय कृषि कार्यों के लिए श्रमिकों की बहुत बड़ी समस्या है.

अगर कृषि क्षेत्र में ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा मिलेगा तो खाद और कीटनाशक के छिड़काव में किसानों को मदद मिलेगी.

उन्हें इस काम के लिए श्रमिकों के लिए नहीं भटकना पड़ेगा. हालांकि शुरुआत में इसका लाभ सिर्फ बड़े किसान ही ले पाएंगे.

 

हाथ से खाद का छिड़काव करने पर ज्यादा मात्रा की जरूरत होती है, जिससे लागत में इजाफा होता है.

ड्रोन से छिड़काव पर इससे राहत मिलेगी. वहीं कीटनाशक का छिड़काव करने वाले के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है.

जब यह काम मशीन से होगा तो इस समस्या का हल हो जाएगा.

 

फसल आकलन और देखरेख में मिलेगी मदद

सरकार लैंड रिकॉर्ड को डिजिटाइज कर रही है. ड्रोन से इस काम में काफी मदद मिलने की उम्मीद है.

ड्रोन के इस्तेमाल से समय की बचत होगी और काम में गड़बड़ी की आशंका कम हो जाएगी.

साथ ही फसल आंकलन करने में भी यह काफी मददगार साबित होगा. वहीं फसलों की देखरेख में भी इसकी मदद ली जाएगी.

 

दिसंबर, 2021 में ड्रोन से कीटनाश के छिड़काव को लेकर केंद्र सरकार ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर यानी एसओपी जारी की थी.

उस वक्त केंद्रीय कृषि एवं कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि पिछले साल देश में टिड्डियों के प्रकोप को ड्रोन सहित नई टेक्नोलॉजी के माध्यम से कंट्रोल किया गया था.

कृषि प्रधान हमारे देश में केंद्र व राज्यों की नीतियां हमेशा कृषि व कृषक को प्राथमिकता में रखकर तैयार की जाती हैं.

ड्रोन को लेकर भी सरकार का वहीं नजरिया है.

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