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बैटरी चलित स्प्रे पम्प वितरित किए गए

 

भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इन्दौर द्वारा गत दिनों जिले के अनुसूचित जाति के कृषक भाइयों व बहनों को अनुसूचित जाति उप परियोजना के अन्तर्गत कृषि विज्ञान केन्द्र कस्तूरबाग्राम, इन्दौर के माध्यम से बैटरी चलित छिड़काव यंत्रो का वितरण किया गया।

इसके पूर्व भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान व कृषि विज्ञान केन्द्र, कस्तूरबाग्राम, इन्दौर के वैज्ञानिकों ने इसकी उपयोगिता व उपयोग करने की विधि के बारे में विस्तार से चर्चा की।

 

डॉ.डी.के. मिश्रा ने बताया कि पहले नीम व खजूर आदि पेड़ों की पत्ती युक्त टहनियों से कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव किया जाता था। जिससे शारीरिक श्रम बहुत लगता था व दवाइयों का छिड़काव भी सही प्रकार से नहीं होता था। इस यंत्र की सहायता से शारीरिक श्रम तो कम होगा ही साथ ही महिलाएं भी इसका उपयोग आसानी से कर सकेंगी। यंत्रों को चलाने का प्रदर्शन भी कियागया।

इस यंत्र की विशेषता यह भी है कि छिड़काव में काम न आने की स्थिति में रात्रि में बिजली बंद होने पर इसके द्वारा एल.ई.डी. बल्ब के माध्यम से घर में रोशनी भी की जा सकती है।

 

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डॉ. नीता खाण्डेकर, निदेशक, भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इन्दौर ने परियोजनाकी जानकारी देते हुए कहा कि कमजोर आर्थिक स्थिति वाले कृषक भाइयों एवं बहनों के लिए यह यंत्र काफी मददगार सिद्ध होगा और किसान अपनी फसलों का अधिक उत्पादन ले सकेंगे। आपने सोयाबीन की उन्नत किस्मों व फसल विविधिकरण पर भी विस्तृत चर्चा की। डॉ. खांडेकर और कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. आलोक देशवाल ने किसानों को छिड़काव यंत्र वितरित किए l

इस आयोजन में भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान व कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों ने भाग लिया व कृषकों के प्रश्नों के उत्तर दिए । कार्यक्रम का संचालन डॉ.आर.एस.टेलर (के.वी.के.) व आभार प्रदर्शन श्री भवानी सिंह राठोड़ (भा.सो.अनु.सं.) ने किया।

 

 

source : krishakjagat

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