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काबुली चना में आगामी महीनों में तेजी की संभावना

काबुली का उत्पादन अनुमान से कम

 

कनाडा में काबुली का उत्पादन अनुमान से कम होने से आगामी महीनों में तेजी की संभावना.

 

कनाडा के कृषि विभाग ने काबुली चने का घरेलू उत्पादन पिछले वर्ष 76 हजार टन से बढ़कर 1.57 लाख टन होने का अनुमान लगाया है, लेकिन उद्योग एवं व्यापारिक क्षेत्रों का मानना है कि वास्तविक उत्पादन इससे कुछ कम हो सकता है।

एक अग्रणी विश्लेषक फर्म के अनुसार काबुली चने का उत्पादन 1.20 लाख टन होगा।

कृषि मंत्रालय के अनुसार 95 हजार टन का केरीओव्हर स्टॉक है। वर्ष 2018 के बाद से सबसे निचला स्टॉक है।

रूस एवं तुर्की के पास अगले कुछ महीनों तक वैश्विक जरूरतों को पूरा करने के लिए काबुली चने का पर्याप्त स्टॉक है।रूस के उत्पाद काफी सस्ते होते हैं।

अतः उसे बेचमार्क मूल्य माना जाता है, और उसी के आधार पर अन्य निर्यातक देश अपने माल के भाव निर्धारित करते हैं।

इसे देखते हुए आगामी महीनों में काबुली चने मैं बड़ी मात्रा में उतार-चढ़ाव आने की संभावना रखी जाती है।

कनाड़ा में अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में क्वालिटी अनुकूल भाव 46 से 50 सेंट चल रहा था। इसे सामान्य से 10 प्रतिशत अधिक माना जा रहा है।

 

निर्यातक अपने माल की बिक्री कैसे करते है..

विश्लेषकों के अनुसार अगले वर्ष के आरंभिक महीनों में भावों में कुछ और तेजी आ सकती है, लेकिन भावों में तेजी नहीं आने पर भी उत्पादकों को लाभप्रद भाव हासिल हो सकते हैं।

यह भी देखना है कि रूस के निर्यातक अपने माल की बिक्री कैसे करते है।

  • कभी-कभार देशी चने के रूप में भारत में इसका आयात हो जाता है।
  • अर्जेंटीना में सूखे की वजह से काबुली चने की फसल प्रभावित हो रही है।
  • अमेरिका, कनाड़ा, और मैक्सिको में भावों का रूख मजबूत बना हुआ है।
  • भारत एवं मैक्सिको में नई फसल मार्च में आएगी, जबकि अन्य देशों की अगस्त में आती है।
  • चने में लेवाल पीछे हटने से भावों में फिर से नरमी आ गई।
  • बाजार की स्थिति ऐसी है कि थोड़ी-सी तेजी के बाद लेवाल पीछे हट जाते हैं।
  • इससे भाव पुनः टूट जाते अर्थात् उच्च स्तर पर स्थिर नहीं रह पाते हैं।

 

हल्के माल की आवक अधिक

पिछले दिनों हुई वर्षा से उड़द की फसल फिर से दागी हो गई है।

मंडियों में दागी माल ही अधिक मात्रा में आ रहे हैं। बेस्ट क्वालिटी के माल की बड़ी मात्रा में अछत है।

अच्छे माल की कमी से चाहे भावों में अधिक तेजी नहीं आए किंतु मंदी के संयोग भी कम है।

महाराष्ट्र से आया एक ट्रक उड़द ऊपर में 7300 रुपए बिक गया। इंदौर मंडी में हल्के माल की आवक अधिक है।

उड़द चेन्नई मोटा माल 8000 से 8050 छोटा 6950 मुंबई 7150 रुपए।

राजस्थान में मूंग मोगर की चारों तरफ की मांग से मूंग मोगर में 100 से 200 रुपए की तेजी आ गई।

मूंग मोगर छोटा 8600 से 8700 मोटा 9200 रुपए बोला जाने लगा। दालों के भाव लगभग स्थिर रहे।

 

डॉलर चने की आवक 2000 से 2200 बोरी की रही।

नीलामी में बिटकी 5500 से 6400 डॉलर चना एवरेज 6500 से 9500 मध्यम 9600 से 10700 बोल्ड 10900 से 11000 रुपए।

स्त्रोत : दैनिक भास्कर

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