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रबी सीजन में पशुओं के लिए विशेष चारा

बढ़ेगा दूध उत्पादन

 

पशुपालक इस प्रकार से आने वाले रबी सीजन में पशुओं के चारे का विशेष ध्यान रख सकते हैं, जिससे दूध उत्पादन में वृद्धि होगी…

 

रबी सीजन आते ही पशुपालकों के लिए पशुओं का चारा एक बड़ी समस्या बनकर सामने आता है.

रबी सीजन सर्द मौसम में शुरू होता है और सर्दियों में पशुओं को ऐसे आहार की आवश्यकता होती है जिससे पशुओं की भूख भी मिट जाए और इस मौसम उनकी ऊर्जा भी बरकार रहे. 

चारे के लिए इस सीजन हरियाली खत्म हो जाती है. ऐसे में पशुपालक पहले से ही व्यवस्था करके रखते हैं.

यदि आप भी पशुपालक हैं तो इस प्रकार चारे से अपने पशु के उत्पादन में वृद्धि कर सकते हैं.

 

पराली बन सकता है चारा

पराली उत्तर भारत के किसानों के लिए बड़ी समस्या बनी हुई है.

खरीफ सीजन के  बाद किसान खेत साफ करने कि लिए अक्सर पराली को जला देते हैं.

लेकिन किसान तथा पशुपालक पराली में मक्की, हरा चारा मिलाकर उसे चारे के रूप में संग्रहित करके रख सकते हैं.

जिससे किसानों की समस्याओं का निपटारा तो होगा ही साथ में पशुओं की चारे की समस्या भी खत्म हो जाएगी.  

हरी घास का सूखा चारा

सर्दियां शुरू होने से पहले पशुपालक हरी घास को काटकर सूखा कर तैयार कर लेते हैं.

जो कि सर्दियों में पशु के चारे के लिए काम आता है.

इसके आलावा पशुपालक इसे हरी घास में मिलाकार चारे के रुप में प्रयोग कर सकते हैं.

 

पशुओं के लिए विशेष आहार

सर्दियों में पशुओं को चारे के लिए दानों का मिश्रण अधिक मात्रा में दिया जाना चाहिए.

पशुओं को अच्छी गुणवत्ता वाला सूखा चारा, बाजरा कड़बी, रिजका, सीवण घास, गेहूं की तूड़ी, जई का मिश्रण पशुओं को खिला सकते हैं, जिससे दूध उत्पादन में वृद्धि होगी.

इसके अलावा कुछ वक्त के बाद हरा चारा भी दिया जाना चाहिए, जिसमें  सरसों चरी, लोबिया, रजका या बरसीम आदि को शामिल कर सकते हैं.

 

इसके साथ ही गेहूं का दलिया, चना, खल, ग्वार, बिनौला आदि को रात को पानी में भिगोकर रख लें, फिर सुबह पानी में उबाल लें, फिर हल्का सा ठंडा करके आप पशुओं को खिला सकते हैं.

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