फसल बीमा के लिए आवंटन बढ़ाए जाने से अन्नदाताओं की फसलों को अत्यधिक सुरक्षा मिलेगी और नुकसान की चिंता भी कम होगी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना को 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दी है। इसके लिए 69,515.71 करोड़ रुपये का प्रबंध किया गया है।
साथ ही इस योजना में तकनीकी सुधार एवं नवाचार के लिए 824.77 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
23 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के किसान जुड़े हैं फसल बीमा योजना से
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैवगव ने बताया कि सरकार के इस निर्णय से 2025-26 तक किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से फसलों के नुकसान की भरपाई में मदद मिलेगी।
यह देश की सबसे बड़ी बीमा योजना है। इससे 23 राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों के किसान जुड़े है।
बाद में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि मंत्रिमंडल ने भारत के सहकारिता मंत्रालय औरइंडोनेशिया के व्यापार मंत्रालय के बीच गैर बासमती सफेद चावल के बश्यार पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने को मजूरी दी है।
बीमा योजना के कार्यान्वयन में प्रौद्योगिकी के सहारे पारदर्शिता के साथ दावों की गणना एवं निपटारे में आसानी होगी।
निधि का उपयोग अनुसंधान एवं विकास संबंधी अध्ययनों में किया जाएगा।
सस्ती दर पर ही मिलता रहेगा डीएपी, 175 रुपये महंगा हो जाता डीएपी अगर नहीं मिलता पैकेज