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आमदनी बढ़ाने के लिए करोड़ों किसान उठा रहे हैं सरकार के इस प्लेटफॉर्म का फायदा

 

घर पर बैठकर ऐसे करें रजिस्ट्रेशन

 

eNAM: ई-नाम की शुरुआत 14 अप्रैल, 2016 को की गई थी. इसके तहत रजिस्टर्ड होकर किसान अपनी उपज अच्छी कीमत पर कहीं भी बेच सकते हैं.

किसान ई-नाम पोर्टल पर पंजीकरण कराने के लिए स्‍वतंत्र हैं और वे सभी ई-नाम मंडियों पर व्‍यापारियों के साथ ऑन-लाइन के माध्‍यम से बिक्री के लिए अपनी उपज को अपलोड कर रहे हैं. 

 

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने eNAM के लाभार्थी प्रहलाद जी से बातचीत की. पीएम ने बताया कि किसान हो या व्यापारी इस प्लेटफॉर्म से अधिक से अधिक संख्या में जुड़ रहे हैं.

पीएम ने प्रहलाद जी से उनके अनुभव सुनें और उनसे अपने अनुभव अधिक से अधिक लोगों के साथ शेयर करने का आग्रह किया. 

आपको बता दें कि अब तक 1.70 करोड़ से अधिक किसान और 1.63 लाख व्‍यापारी ई-नाम प्‍लेटफार्म पर पंजीकृत हुए हैं.

किसान ई-नाम पोर्टल पर पंजीकरण कराने के लिए स्‍वतंत्र हैं और वे सभी ई-नाम मंडियों पर व्‍यापारियों के साथ ऑन-लाइन के माध्‍यम से बिक्री के लिए अपनी उपज को अपलोड कर रहे हैं.

 

सरकार ने अब तक देश की 585 मंडियों को ई-नाम के तहत जोड़ा है.

केंद्रीय कृषि मंत्रालय के तहत काम करने वाला ‘लघु कृषक कृषि व्यापार संघ’ (एसएफएसी) ई-नाम को लागू करने वाली सबसे बड़ी संस्था है.

सरकार की योजना इस साल 200 एवं अगले साल 215 और मंडियों को इससे जोड़ने की है.

 

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देशभर में करीब 2,700 कृषि उपज मंडियां और 4,000 उप-बाजार हैं.

पहले कृषि उपज मंडी समितियों के भीतर या एक ही राज्य की दो मंडियो में कारोबार होता था.

हाल ही में पहली बार दो राज्यों की अलग-अलग मंडियो के बीच ई-नाम से व्यापार किया गया.

 

क्या है ई-नाम

राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम), एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल है. इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल 2016 को थी.

सरकार ने इसे कृषि उत्पादों के लिए “वन नेशन वन मार्केट” के निर्माण के उद्देश्य से किया था.

कृषि बाजार को मजबूत बनाने के लिए इसकी शुरुआत हुई थी. इसके तहत किसान अपने नजदीकी बाजार से अपने उत्पाद की ऑनलाइन बिक्री कर सकते हैं. साथ ही व्यापारी कहीं से भी किसानों को पैसा भेज सकते हैं.

 

ई-नाम ने किसान और खरीदार के बीच से बिचौलियों को खत्म कर दिया है.

इसका लाभ अब किसानों के साथ-साथ ग्राहकों को भी मिल रहा है. देशभर में करीब 2700 कृषि उपज मंडियां और 4,000 उप-बाजार हैं.

 

ई-नाम से पहले उपज मंडी समितियों के भीतर या एक ही राज्य की दो मंडियो में खरीद-बिक्री होती थी.

मगर इस प्लेटफार्म के तहत आने वाली सभी मंडियों के बीच अब कारोबार आसान हो गया है.

 

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अनुसार, ई-नाम प्लेटफार्म कृषि व्यापार में एक अनोखी पहल है.

इसके माध्यम से किसानों की पहुंच कई बाजारों और खरीदारों तक होती है. साथ ही लेन-देन की प्रक्रिया में भी पारदर्शिता लाता है.

 

ई-नाम प्लेटफार्म पर वर्तमान में खाद्यान्न, तिलहन, रेशे, सब्जियों और फलों सहित 150 वस्तुओं का व्यापार ई-नाम पर किया जाता है.

वहीं, शुरू में 25 कृषि जिंसों के लिए मानक मापदंड विकसित किए गए थे.

 

ई-नाम ट्रेडिंग पोर्टल एकीकृत राष्ट्रीय बाजार बनाने हेतु मौजूदा एपीएमसी मंडियों को ऑनलाइन नेटवर्क से जोड़ता है.

किसान ई-नाम पोर्टल पर enam.gov.in पर पंजीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.

 

ई-नाम के साथ जुड़ने का तरीका

सबसे पहले आपको सरकार की ओर से जारी की गई वेबसाइट www.enam.gov.in पर जाना होगा.  

इसके बाद रजिस्ट्रेशन टाइप करना होगा. वहां किसान (Farmer) का एक ऑप्शन दिखाई देगा.

 

फिर आपको अपनी ई-मेल आईडी देना होगी. इसमें आपको ई-मेल के जरिए लोगिन आईडी ओर पासवर्ड का मेल आएगा.

इसके बाद आपको टैंपरेरी ई-मेल आईडी और पासवर्ड भेजा जाएगा.

फिर आप www.enam.gov.in की वेबसाइट पर लॉगिन कर डैशबोर्ड पर आप अपने KYC डॉक्युमेंट से रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.

 

जैसे ही APMC आपके KYC को अप्रूव करेगा. वैसे ही आप अपना कारोबार शुरू कर पाएंगे.

अधिक जानकारी के लिए आप https://enam.gov.in/web/resources/registration-guideline पर जानकर जानकारी ले सकते हैं.

 

शुरू हुई नई सुविधाएं

किसानों की सुविधा के लिए ई-नाम पर मंडी जानकारी पृष्ठ, ई-नाम प्लेटफॉर्म के साथ आईएमडी मौसम पूर्वानुमान सूचना का एकीकरण और सहकारी मॉड्यूल जैसे नए मॉड्यूल लांच किए.

मंडी जानकारी पृष्ठ किसानों को एक ही वेब पेज में संबंधित राज्य की ई-नाम मंडियों में कारोबार की जाने वाली जिंसों के वास्तविक समय मूल्य प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

 

अब ई-नाम पर प्रदान किए गए सहकारी व्यापार मॉड्यूल का उद्देश्य सहकारी समितियों को अपने संग्रह केंद्र/ गोदामों से एपीएमसी में उपज लाए बिना सदस्यों के फार्मगेट के पास व्यापार करने की सुविधा प्रदान करना है.

 

भारतीय मौसम विज्ञान (आईएमडी), मौसम पूर्वानुमान सूचना समेत ई-नाम मंडियों और आसपास के क्षेत्रों के लिए वर्षा और आंधी-तूफ़ान की सूचना के साथ अधिकतम-न्यूनतम तापमान की सूचना मिलेगी.

 

मौसम सूचना से कटाई करने और विपणन निर्णय लेने में किसानों को अतिरिक्त मदद मिलेगी.

उपयोगकर्ता अनुकूल ई-नाम निर्देशिका भी लांच की गई है, जो ई-नाम मंडियों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करके हितधारकों की मदद करेगी.

 

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