सरकार का ये है प्लान
केंद्र सरकार अगले 5 साल में 2 लाख पंचायतों में डेयरी कोऑपरेटिव बनाने जा रही है.
डेयरी के साथ-साथ फिशरी सेक्टर को भी इससे जोड़ा जाएगा.
इसके अलावा सीएसी सेंटर और कस्टम हायरिंग सेंटर को भी इन कोऑपरेटिव से जोड़ा जाएगा.
डेयरी फार्मिंग के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत करने का प्रयास किया जा रहा है.
इसी कड़ी में सरकार ने देश के दो लाख पंचायतों में डेयरी कोऑपरेटिव बनाने का फैसला किया है.
माना जा रहा है कि सरकार के इस कदम से दुग्ध उत्पादन बढ़ेगा. साथ में ग्रामीण स्तर पर रोजगार में इजाफा होगा.
इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी.
डेयरी कोऑपरेटिव बनाने का कर चुके हैं जिक्र
इस योजना के तहत किसानों को श्वेत क्रांति से जोड़ा जाएगा.
जिससे भारत को दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में एक नए मुकाम पर ले जाने की तैयारी की जा रही है.
इसका जिक्र कुछ वक्त पहले गृह मंत्री अमित शाह भी कर चुके हैं.
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— Ministry of Information and Broadcasting (@MIB_India) February 15, 2023
डेयरी और फिशरी सेक्टर को साथ जोड़ा जाएगा
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री नुराग ठाकुर ने कहा कि कोऑपरेटिव मूवमेंट को मजबूत करने के लिए सक्रियता दिखाई गई.
2 लाख पंचायतों में डेयरी कोऑपरेटिव बनाया जाएगा. डेयरी के साथ-साथ फिशरी सेक्टर को भी इससे जोड़ा जाएगा.
इसके अलावा सीएसी सेंटर और कस्टम हायरिंग सेंटर को भी इन कोऑपरेटिव से जोड़ा जाएगा. अगले 5 साल में ये सब कदम उठाया जाएगा.
डेयरी सेक्टर होगा और संगठित
बता दें कि देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में किसान डेयरी व्यवसाय के माध्यम से अपना जीवनयापन कर रहे हैं.
देश की अर्थव्यवस्था में इस क्षेत्र की काफी अहम भूमिका है.
माना जा रहा है डेयरी कोऑपरेटिव आने के बाद यह सेक्टर और संगठित होगा, जिससे किसानों की आय में इजाफा होगा.
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम पर भी सककार का जोर
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सरकार वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम पर भी जोर दे रही है.
इसके तहत सीमांत गांवों में पानी, बिजली, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, संचार जैसी मूलभूत सुविधाओं के विस्तार और आजीविका विकास पर मुख्य रूप से जोर दिया जाएगा.
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