1 अप्रैल से किसानों के लिए घर बैठे फसल बेचने का नया अवसर, भारत में किसानों को उनकी फसल का बेहतर मूल्य मिल सके, इसके लिए राज्य सरकारें कई योजनाओं का संचालन कर रही हैं।
मध्य प्रदेश सरकार भी इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। 1 अप्रैल से राज्य में ई मंडी योजना (E Mandi Scheme) लागू की जाएगी, जो किसानों के लिए एक क्रांतिकारी कदम साबित हो सकता है।
इस योजना का उद्देश्य किसानों को मंडी में जाने के बिना अपने उत्पादों को बेचना और अच्छे मूल्य प्राप्त करने का अवसर देना है।
ई मंडी योजना
ई मंडी योजना, कृषि विपणन बोर्ड द्वारा प्रदेश में शुरू की जा रही एक नई पहल है, जिसके माध्यम से किसान अपनी फसल को घर बैठे नीलाम कर सकेंगे। इससे किसानों को अपनी उपज का सही मूल्य मिलेगा, क्योंकि मंडी में आने-जाने की प्रक्रिया को डिजिटल किया जाएगा। अब किसानों को अपनी फसल के लिए मंडी में इंतजार करने की आवश्यकता नहीं होगी, और वे घर बैठे अपने मोबाइल से अपनी फसल की नीलामी कर सकते हैं। यह योजना किसानों के लिए फायदेमंद साबित होने के साथ-साथ कृषि विपणन प्रणाली को पारदर्शी और सुव्यवस्थित बनाने में भी मदद करेगी।
ई मंडी योजना के तहत कौन सी फसलें बेच सकेंगे
ई मंडी योजना के तहत कई प्रकार की फसलों की बिक्री की जाएगी। इनमें प्रमुख रूप से गेहूं, सोयाबीन, चना, मूंग, उड़द, धनिया, रायड़ा, और अन्य कृषि उत्पाद शामिल हैं।
किसानों को इन फसलों की बिक्री के लिए मंडी में आकर बोली लगाने की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि वे अपनी फसल को ऑनलाइन नीलाम कर सकेंगे। इससे किसानों को अधिक लाभ होने की संभावना है, क्योंकि वे अपने उत्पादों को अधिक प्रतिस्पर्धी वातावरण में बेच पाएंगे।
कैसे काम करेगी ई मंडी योजना
ई मंडी योजना के तहत प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल किया जाएगा। मंडी में प्रवेश करने से लेकर नीलामी की प्रक्रिया तक, सभी कार्य ऑनलाइन होंगे। जब किसान अपनी फसल को मंडी में लाएंगे, तो सबसे पहले उन्हें एक प्रवेश पर्ची बनवानी होगी।
इसके लिए किसान को अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर कराना होगा। इसके बाद, किसान अपनी फसल को ऑनलाइन नीलाम करने के लिए अपने एंड्रॉयड मोबाइल से ई मंडी एप्लिकेशन के जरिए पर्ची बना सकते हैं।
इस प्रक्रिया के अंतर्गत किसानों को उनकी उपज की बोली में सबसे अधिक मूल्य से संतुष्ट होने के बाद ही अपनी फसल बेचने का अवसर मिलेगा। इसके बाद, एक ऑनलाइन अनुबंध जारी किया जाएगा और तौल की जानकारी भी डिजिटल रूप से पंजीकृत की जाएगी।
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नीलामी के बाद, किसान और व्यापारी दोनों को एक ई-पर्ची दी जाएगी, जिसमें खरीदी और बिक्री की सभी जानकारी रहेगी। इस प्रक्रिया को और भी पारदर्शी बनाने के लिए, ई मंडी एप्लिकेशन पर व्यापारी और किसान दोनों लॉग इन कर अपनी नीलामी की जानकारी देख सकते हैं।
कैसे डाउनलोड करें ई मंडी एप्लिकेशन
ई मंडी योजना के तहत एक एप्लिकेशन भी जारी किया गया है, जिसे किसान अपने स्मार्टफोन में डाउनलोड कर सकते हैं।
यह एप्लिकेशन Google Play Store पर उपलब्ध है, जहां से किसान इसे आसानी से डाउनलोड Download or Install कर सकते हैं।
इसके अलावा, इस एप्लिकेशन के माध्यम से किसान अपनी नीलामी प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन ट्रैक कर सकते हैं और पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
किसानों को सलाह दी जाती है कि वे केवल आधिकारिक ई मंडी एप्लिकेशन ही डाउनलोड करें।
वे व्हाट्सएप या अन्य प्लेटफार्मों से नकली एप्लिकेशन डाउनलोड करने से बचें, क्योंकि इससे धोखाधड़ी का खतरा हो सकता है।
ई मंडी योजना के लाभ
- बेहतर मूल्य प्राप्ति: किसान घर बैठे अपनी फसल की नीलामी कर सकते हैं, जिससे उन्हें अपनी फसल का सही मूल्य मिल सकेगा।
- समय की बचत: अब किसानों को मंडी में अपनी फसल बेचने के लिए घंटों इंतजार नहीं करना होगा। वे आसानी से ऑनलाइन अपनी फसल की बिक्री कर सकेंगे।
- पारदर्शिता और सुव्यवस्था: इस योजना से मंडी में खरीदी और बिक्री की प्रक्रिया पारदर्शी हो जाएगी, और किसानों को उनकी फसल के मूल्य की सही जानकारी मिलेगी।
- डिजिटल साक्षरता में वृद्धि: किसान अपने मोबाइल फोन से ऑनलाइन प्रक्रिया को समझकर तकनीकी रूप से सक्षम हो सकेंगे।
- तेज भुगतान प्रक्रिया: नीलामी के बाद किसानों को उनके भुगतान समय पर और आसानी से मिल सकेगा।
सरकार की वर्तमान खरीद योजनाएं
वर्तमान में मध्य प्रदेश में गेहूं की खरीदारी का काम तेजी से चल रहा है। 15 मार्च से शुरू होकर अब तक 5 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हो चुकी है। खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के अनुसार, सरकार किसानों को समय पर भुगतान कर रही है।
अब तक 757 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किसानों को किया जा चुका है। गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2425 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि राज्य सरकार किसानों को 175 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस भी दे रही है, जिससे गेहूं की खरीदी 2600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से की जा रही है।
ई मंडी योजना (E Mandi Scheme) मध्य प्रदेश में किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना के माध्यम से किसानों को अपनी फसल का सही मूल्य मिल सकेगा, और वे बिना किसी परेशानी के घर बैठे अपनी फसल को बेच सकेंगे।
इस डिजिटल पहल से कृषि विपणन प्रणाली में पारदर्शिता आएगी, जो न केवल किसानों के लिए लाभकारी है, बल्कि समग्र कृषि क्षेत्र के लिए भी फायदेमंद साबित होगा।
1 अप्रैल से यह योजना लागू हो रही है, जिससे किसानों को अपनी उपज की बिक्री में नई संभावनाओं का सामना मिलेगा।
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