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मोती की खेती से मालामाल हो रहे हैं किसान

 

मोती की खेती

 

मोती की खेती के लिए सबसे अनुकूल समय शरद ऋतु यानी अक्टूबर से दिसंबर तक का समय माना जाता है.

इसकी खेती के लिए भूमि की जगह तालाब की जरूरत पड़ती है. तालाब में शिप के माध्यम से मोती की खेती की जाती है.

 

लंबे समय से हमारे किसान पारंपरिक खेती करते आ रहे हैं. आम तौर पर किसान सब्जी और अनाज का उत्पादन ही करते हैं.

लेकिन आज के समय में अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए किसान नए प्रयोग कर रहे हैं और वे अधिक आय देने वाली फसलों का चुनाव कर रहे हैं.

कुछ हटकर और अलग करने की चाह मोती किसानों के लिए अच्छा विकल्प बन कर उभरा है. इसका उत्पादन कर किसान लाखों में आमदनी प्राप्त कर रहे हैं.

 

मोती एक प्राकृतिक रत्न है, जो शिप से पैदा होता है. बाहरी कणों के शिप के अंदर प्रवेश करने से मोती का निर्माण होता है.

मोती तैयार होने में लगभग 14 माह का समय लग जाता है. मोती की गुणवत्ता के अनुसार उसकी कीमत तय होती है.

एक सामान्य मोती का दाम 300 से 1500 रुपए तक होता है. वहीं डिजायनर मोती के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में 10 हजार रुपए तक का दाम मिल सकता है.

 

मोती की खेती के लिए सबसे अनुकूल है यह समय

मोती की मांग घरेलू बाजारे के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में हमेशा बनी रहती है.

मोती की खेती से लाभ होता देख किसान इसकी खेती में दिलचस्पी दिखाने लगे हैं और इसकी कृत्रिम खेती करने लगे हैं.

वैज्ञानिक विधि से और प्रशिक्षण लेकर अगर मोती की खेती करते हैं तो अच्छी गुणवत्ता वाली मोती की खेती की जा सकती है.

इसे बाजारों में बेचकर किसान काफी मुनाफा कमा सकते हैं.

 

मोती की खेती के लिए सबसे अनुकूल समय शरद ऋतु यानी अक्टूबर से दिसंबर तक का समय माना जाता है.

इसकी खेती के लिए भूमि की जगह तालाब की जरूरत पड़ती है. तालाब में शिप के माध्यम से मोती की खेती की जाती है.

डीडी किसान की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस तरह की मोती को हम अपनी इच्छा के अनुसार आकार, रंग और रूप दे सकते हैं.

हालांकि यह प्राकृतिक मोती में संभव नहीं होता.

 

इन बातों का रखना होता है ध्यान

मोती की खेती के लिए जितना जरूरी प्रशिक्षण है, उतना ही जरूरी है उसके लिए उपयोग में आने वाले सामान और रखरखाव करना.

आप शुरुआत में 1000 शिपों के साथ मोती उत्पादन का काम शुरू कर सकते हैं.

 

सबसे पहले हमें शिपों को इकट्ठा करना होता है. किसान इन्हें नदियों या तालाबों से प्राप्त कर सकते हैं. आज कल यह बाजार में भी उपलब्ध है.

सर्जरी करने से पहले शिपों को 10 से 15 दिन पानी में रखना होता है. इसके बाद पानी से निकाल कर सर्जरी की जाती है.

तालाब में छोड़ने के बाद समय-समय पर देखरेख जरूरी है.

12-14 महीने में किसान तालाब से डिजायनर मोती प्राप्त कर सकते हैं.

लेकिन गोल मोती के लिए 2 से 2.5 वर्ष तक इंतजार करना पड़ सकता है.

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