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रजनीगंधा, मगही पान व सहजन की खेती पर किसानों को मिल रहा अनुदान

 

किसानों को मिल रहा अनुदान

 

बिहार सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति में बदलाव लाने के लिए लगातार किसानों की मदद करती आ रही है.

इसी क्रम में आमदनी बढ़ाने और उन्‍हें सबल बनाने के लिए कई तरह के योजनाओं के तहत सरकार इस क्षेत्र में काम कर रही है.

 

इसी के तहत बिहार सरकार औषधीय गुण और पोषक तत्वों वाली खेती को बढ़ावा देने के प्रयास में जुट गई है.

इसके मद्देनजर कृषि विभाग शीघ्र ही सहजन, रजनीगंधा और मगही पान की खेती बढ़ाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करेगा.

इस सम्बन्ध में सभी जिला कृषि पदाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया है.

इतना ही नहीं क्षेत्रफल का मानक तय कर अनुदान पर आने वाले खर्च और भुगतान आदि का निर्धारण कर दिया गया है.

आपको बता दें कि सरकार इन फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को अनुदान भी दिया जाएगा.

 

कलस्टर के लिए 5-5 हेक्टेयर जमीन का हुआ चुनाव

आपको बता दें सहजन क्षेत्र विस्तार योजना के तहत पांच-पांच हेक्टेयर का कलस्टर बनाने की तैयारी सरकार की ओर से जारी है.

पौधे संबंधित जिला के प्रखंड की नर्सरी में ही तैयार होंगे. सहायक निदेशक (उद्यान) प्रखंड या आसपास के किसानों का चयन कर पौधे उपलब्ध कराएंगे.

इससे पौधे का नुकसान कम होगा. सहजन की खेती जुलाई से सितंबर माह में होगी.

न्यूनतम इकाई लक्ष्य 0.74 हेक्टेयर रखा गया है. सरकार खेती पर करीब 41 लाख रुपये खर्च करेगी.

इसके लिए 50  प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया है.

 

सहजन के किसानों को मिलेगा 50 फीसद अनुदान

सहजन के किसानों को पहले वर्ष में 75 प्रतिशत अनुदान का का भुगतान किया जाएगा, वहीं 25 प्रतिशत अनुदान का भुगतान दूसरे वर्ष होगा.

आपको बता दें   मगही पान की खेती की उपज को बेहतर बनाने के लिए समूह बनाया जाएगा.

एक समूह में 100 किसान होंगे. यानि प्रति इकाई एक किसान को 300 वर्ग मीटर क्षेत्रफल का लाभ दिया जाएगा.

वहीं रजनीगंधा के क्षेत्र विस्तार में इकाई का मानक 1.85 हेक्टेयर रखा गया है. इसकी खेती फरवरी मार्च में कराई जाएगी.

 

किसानों को मिलेगा मुआवजा

बिहार में इस साल बाढ़ और अत्‍यधिक बारिश के कारण किसानों को काफी नुकसान हुआ है.

फसलों की कटाई से लेकर रोपाई तक में किसानों को नुकसान उठाना पड़ा है.

इसके चलते कई इलाकों में फसल बर्बाद हो गई है, तो कई इलाकों में किसान खेती ही नहीं कर पाए.

जलस्तर बढ़ने की वजह से खेतों में अभी तक पानी भरा हुआ है.

ऐसे में किसानों को चिह्न‍ित कर राज्य सरकार उन्हें मुआवजा देने जा रही है.

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