सागवान की खेती
सागवान लकड़ी की सबसे खास बात है कि इसमें दीमक नहीं लगती है.
यही वजह है कि ये लंबे समय तक टिकी रहती है. हालांकि, ठंडे स्थानों पर इस पेड़ का विकास काफी प्रभावित होता है.
इस वजह से पहाड़ी स्थानों पर इसकी खेती करने की सलाह नहीं दी जाती है.
किसानों के बीच सागवान के पेड़ों की खेती काफी लोकप्रिय है.
इसके पेड़ों को लगाने से किसान कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं.
सागवान की लकड़ियों का इस्तेमाल प्लाईवुड, जहाज़, रेल के डिब्बे और फर्नीचर बनाने में किया जाता है.
लकड़ियों में नहीं लगती दीमक
सागवान की लकड़ी में कभी दीमक नहीं लगती है. इसे लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है.
यही वजह है कि इससे बने प्रोडक्ट जल्द खराब नहीं होते हैं.
वहीं छाल और पत्तियों में कई तरह के औषधीय गुण पाए जाते हैं.
इनका इस्तेमाल कई तरह की शक्तिवर्धक दवाओं को बनाने में भी किया जाता है.
ठंड स्थानों पर ना करें खेती
ठंडे स्थानों पर इस पेड़ का विकास काफी प्रभावित होता है.
इस वजह से पहाड़ी स्थानों पर इसकी खेती करने की सलाह नहीं दी जाती है.
मैदानी इलाकों में इस पेड़ का बेहद तेजी से विकास होता है. यह बेहद कम लागत में किसान को बढ़िया मुनाफा दे जाती है.
डबल मुनाफे की सौगात
सागवान की खेती में कमाई बहुत अधिक होती है. हालांकि, ये प्रकिया काफी लंबी है.
8 से 10 वर्षों में इसकी कटाई की जाती है. ऐसे में किसान सहफसली तकनीक से खेती कर सकते है.
सागवान के पेड़ों के बीच किसान सब्जियों और फूलों की भी खेती कर डबल मुनाफा कमा सकते हैं.
सागवान से करोड़ों का मुनाफा
सागवान के पेड़ की कीमत की बात करें तो तैयार होने के बाद प्रति पेड़ लम्बाई और मोटाई के हिसाब से 25 हजार से 40 हजार रुपये तक बिकता है.
विशेषज्ञों के अनुसार, अगर किसान एक एकड़ खेत में सागवान की खेती करते हैं तो लगभग 120 सागवान के पौधे लगते हैं.
जब ये पौधे कटाई के लिए तैयार होते हैं तो इससे जो कमाई होती है वह करोड़ों में पहुंच जाती है.
एक अनुमान के मुताबिर एक एकड़ में आराम से सागवान की खेती से 80 लाख से 1 करोड़ रुपये तक कमाया जा सकता है.
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