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रजनीगंधा के फूलों की खेती कर इस तरह लखपति बन सकते हैं किसान

रजनीगंधा के फूलों की खेती

 

रजनीगंधा के फूल अपनी सुगंध के कारण काफी लोकप्रिय है.

इसका उपयोग गुलदस्ता, माला, महिलाओं के बालों में लगाने के लिए और शादी-विवाह की सजावट के लिए किया जाता है.

 

पारंपरिक फसलों की खेती में लगातार होते नुकसान को देखते हुए किसान बेहद तेजी से अन्य फसलों की तरफ रुख कर रहे हैं.

हाल के कुछ वर्षों में किसानों के बीच रजनीगंधा के फूलों की खेती का चलन बढ़ा है. व्यापारिक दृष्टि से भी यह फूल बहुत उपयोगी है.

यह फूल कई दिनों तक ताजा रह सकता है और इसकी मांग भी बाजार में ठीक-ठाक बनी रहती है.

 

इन कामों के लिए इस्तेमाल होता है रजनीगंधा का फूल

रजनीगंधा के फूल अपनी सुगंध के कारण काफी लोकप्रिय है.

इसका उपयोग गुलदस्ता, माला, महिलाओं के बालों में लगाने के लिए और शादी-विवाह की सजावट के लिए किया जाता है.

इसके अलावा इसका इस्तेमाल कई तरह के तेलों को बनाने में भी किया जाता है.

 

इन राज्यों के किसान करते हैं इस फूल की खेती

फिलहाल, पश्चिमी बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश के किसान इस फूल की खेती करते नजर आते हैं.

पहाड़ी क्षेत्रों में जून का महीना तो मैदानी भागों में सितंबर के महीने में इसकी खेती की शुरूआत की जाती है.

इसकी खेती के लिए खुली हवादार और ज्यादा प्रकाश वाली जगह उपयुक्त होती है.

ज्यादा सिंचाई और देखभाल की जरूरत नहीं होने की वजह से इसकी खेती में लागत भी ज्यादा नहीं आती है.

 

4-5 लाख का मुनाफा आराम से कमाया जा सकता है

इसके पौधों पर लगभग 4 से 5 महीनों के अंतराल पर फूल आना शुरू हो जाते है. इसके बाद इसकी तुड़ाई की प्रकिया शुरू हो जाती है.

विशेषज्ञों के अनुसार एक हेक्टेयर में रजनीगंधी की खेती करने में 1-2 लाख का खर्च आता है.

इसकी खेती से पहले साल में प्रति हेक्टेयर लगभग 90 से 100 क्विंटल फूल प्राप्त होते हैं जिससे सालाना 4-5 लाख रुपए का मुनाफा आराम से निकाला जा सकता है.

source : aajtak

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