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किसान इन कामों के लिए केसीसी लोन ले सकते हैं

 

किसान क्रेडिट कार्ड

 

किसानों को सस्ता बैंक लोन या ऋण उपलब्ध कराने के लिए सरकार की ओर से किसानों को किसान केडिट कार्ड बनाकर दिए जा रहे हैं।

इसकी सहायता से किसान भाई सहकारी बैंकों से कम ब्याज दर पर लोन ले सकते हैं।

इतना ही नहीं अब पशुपालक किसान और मछलीपालक को भी केसीसी का लाभ दिया जा रहा है।

केसीसी से लोन या ऋण लेने का सबसे बड़ा फायदा ये हैं कि इससे सस्ता लोन मिल जाता है और इसे चुकाना भी आसान है।

पहले किसानों को केसीसी लोन फसल उत्पादन के लिए अदान खरीदने के लिए दिया जाता था। लेकिन अब इसका दायरा बढ़ा दिया गया है।

अब किसान को खेती के कार्यों के अलावा अन्य कार्यों के लिए भी केसीसी से लोन ले सकते हैं।

 

कृषि मंत्री ने दी केसीसी में किए गए बदलाव की जानकारी

अब किसान केसीसी पर फसली ऋण के अलावा अन्य कार्यों के लिए भी ऋण ले सकते हैं।

लोकसभा में सुनील कुमार पिंटू द्वारा पूछे गए सवालों के जबाब में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने किसान क्रेडिट योजना में किए गए बदलावों के बारे में जानकारी दी।

केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने 4 जुलाई 2018 में परिपत्र जारी किया है।

जिसमें इस योजना का उद्देश्य किसानों व्यक्तिगत/ संयुक्त उधार कर्ताओं जो स्वयं किसान हैं, काश्तकार किसान, मौखिक पट्टेदार और बटाईदार, स्वयं सहायता समूहों या काश्तकार किसानों, बटाईदारों आदि सहित किसानों के संयुक्त देयता को उनकी खेती और अन्य जरूरतों के लिए लचीली और सरल प्रक्रिया के साथ एकल खिडक़ी के तहत बैंकिंग प्रणाली से पर्याप्त समयवद्ध सहायता प्रदान करना है।

 

किसान इन कार्यों के लिए ले सकते हैं केसीसी लोन

किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किसान अपनी कई आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ऋण ले सकते हैं।

जिन कार्यों के लिए ऋण केसीसी पर उपलब्ध होता है वे इस प्रकार से हैं-

  • फसलों की खेती के लिए अल्पकालिक ऋण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए
  • फसल कटाई के बाद के लिए खर्च
  • उपज विपणन ऋण
  • किसान परिवार की खपत की आवश्यकताएं
  • कृषि परिसम्पत्तियों और कृषि संबंधित गतिविधियों के रख-रखाव के लिए कार्यशील पूंजी
  • इसके अलावा कृषि और सम्बद्ध गतिविधियों के लिए निवेश ऋण की आवश्यकता।

 

मछली पालक और पशुपालक भी ले सकते हैं केसीसी का लाभ

4 फरवरी, 2019 से किसान क्रेडिट कार्ड को पशुपालन और मत्स्य पालन में लगे किसानों को उनकी कार्यशील पूंजी की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भी ऋण देने की व्यवस्था कर दी गई है।

किसान 3 लाख रुपए तक के ऋण के लिए प्रसंस्करण शुल्क, निरीक्षण, बही फोलियो शुल्क, सेवा शुल्क सहित सभी शुक्ल माफ कर दिए गए हैं।

केसीसी द्वारा लघु अवधि के कृषि-ऋण के लिए सम्पर्शि्वक मुक्त ऋण सीमा को 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 1.60 लाख रुपए कर दिया गया है।

 

ऋण/लोन लेने पर कितना लगता है ब्याज

किसान क्रेडिट कार्ड पर लगने वाला ब्याज भारत सरकार किसानों को रियायती ब्याज दर पर अल्पकालीन कृषि-ऋण प्रदान करने की दृष्टि से ब्याज छूट स्कीम का लाभ भी दिया जा रहा है।

इस योजना के तहत, कृषि और अन्य संबद्ध गतिविधियों में जुड़े किसानों के लिए 9 प्रतिशत की बेंचमार्क दर पर केसीसी के माध्यम से 3 लाख रुपए तक के लघु अवधि फसल ऋण उपलब्ध है।

भारत सरकार बेंचमार्क दर पर 2 प्रतिशत ब्याज छूट प्रदान करती है।

ऋणों की जल्दी और समय पर अदायगी करने वाले किसानों को इसमें अतिरिक्त 3 प्रतिशत की छूट भी दी जाती है, इस प्रकार प्रभावी ब्याज दर घटकर 4 प्रतिशत प्रति वर्ष हो जाती है।

 

केसीसी बनवाने के लिए नहींं देना होगा कोई शुल्क

किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) बनवाना पहले से आसान हो गया है।

केंद्र सरकार के निर्देश पर इंडियन बैंकर एसोसिएशन ने केसीसी बनाने की प्रोसेसिंग फीस, इंस्पेक्शन, लेजर फोलियो, रिनुअल फीस और नए केसीसी जारी करने के लिए सभी अन्य सर्विस चार्ज समाप्त कर दिए हैं।

इस तरह किसानों को केसीसी बनवाने के लिए किसी प्रकार का कोई शुल्क नहीं देना होगा।

 

केसीसी से मछलीपालक और पशुपालक को कितना मिल सकता है लोन

किसानों को खेती किसानी से संबंधित कार्यों के लिए 3 लाख रुपए तक का लोन मिल सकता है।

जबकि मछलीपालक और पशुपालकों के लिए 2 लाख रुपए तक ऋण केसीसी के माध्यम से ले सकते हैं।

 

किसान किसी भी बैंक से बनवा सकते हैं केसीसी

कृषि मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक किसान, पशुपालक या मछलीपालक किसी भी बैंक से अपना केसीसी बनवा सकते हैं इसके लिए सिर्फ 3 डॉक्यूमेंट ही लिए जाएंगे।

इसमें प्रमुख दस्तावेज ये है कि जो व्यक्ति जो केसीसी के लिए अप्लाई कर रहा है वे वास्तविकता में किसान है या नहीं। इसके लिए आपको प्रमाण देना होगा।

 

15 दिन में बन जाएगा केसीसी

केंद्र सरकार ने बैंकों को सख्त निर्देश दिए हैं कि आवेदन के 15वें दिन तक यानी दो सप्ताह के अंदर केसीसी बना दिया जाना चाहिए।

हालांकि केसीसी बनवाने के लिए समय-समय पर सरकार की ओर से गांव स्तर पर अभियान भी चलाए जाते हैं।

केसीसी सुविधा का मुख्य उद्देश्य किसानों को आसानी से व कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराना है।

किन दस्तावेजों की होगी आवश्यकता

केसीसी बनवाने के लिए किसानों को जिन दस्तावेजों की आवश्यकता होती है उनमें मुख्य रूप से खेती के कागजात, निवास प्रमाण पत्र और एक शपथ पत्र की आवश्यकता होगी जिसमेें लिखा हो कि आपका किसी और बैंक में लोन तो बकाया नहीं है।

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