किसानों की आय बढ़ी
मध्यप्रदेश की कृषि उपज मंडियों में सौदा पत्रक एप के जरिए आवक तेजी से बढ़ी है जिससे किसानों एवं व्यापारियों को लाभ हुआ है तथा उनकी आमदनी में वृद्धि भी हुई है।
पूर्व में जो व्यापारी एवं किसान, दुकान, वाहन, आवागमन के साधन न होना एवं अन्य अनेक कारणों से सीधे मंडियों में नहीं आ पाते थे उन्हें सौदा पत्रक एप के रूप में उपयोगी एक विकल्प मिल गया है।
सौदा पत्रक के माध्यम से किसानों की आय लगभग 35 फीसदी बढ़ी वहीं मंडियों में आवक भी लगभग 15 प्रतिशत बढ़ गई है।
यह जानकारी म.प्र. मंडी बोर्ड के प्रबंध संचालक श्री विकास नरवाल ने कृषक जगत को एक विशेष मुलाकात में दी।
श्री नरवाल ने बताया सौदा पत्रक एप के जरिए वर्ष 2020-21 में जहां 51 हजार 564 करोड़ रुपये मूल्य का व्यापार हुआ था, वह 2021-22 में बढ़कर लगभग 69000 करोड़ रुपये के हो गया है इस प्रकार लगभग 17500 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है जो लगभग 34 फीसदी है।
किसानों की आमदनी बढ़ी
- आंकड़ों के आइने में मंडी बोर्ड के ग्राफ को ऊंचा जाते देखते हुए श्री नरवाल ने बताया कि किसानों, व्यापारियों द्वारा एप के व्यापक उपयोग से सौदा पत्रक मंडी फीस भी बीते वर्ष में 150 करोड़ रुपए से अधिक होगई है, जो वर्ष 2020-21 में केवल 98.69 करोड़ रुपए थी।
- आवक के संबंध में उन्होंने बताया कि वर्ष 2021-22 में लगभग 390 लाख टन की रिकॉर्ड कृषि उपज आवक रही जो कि वर्ष 2020-21 में केवल 348 लाख टन थी।
- याने आवक केवल 15 फीसदी बढ़ी परन्तु आमदनी में 35 प्रतिशत का इजाफा हुआ। श्री नरवाल ने बताया कि किसान को उसकी उपज जैसे गेहूं, चना, सोयाबीन एवं सरसों सहित अन्य जिंसों के बेहतर दाम मिले हैं।
- उनके द्वारा किए गए आंकलन के मुताबिक यदि देखें तो वर्ष 2020-21 में जहाँ किसानों को विभिन्न फसलों को समाहित करते हुए औसतन 2850 रुपये प्रति क्विं. का भाव मिला था वहीं वर्ष 2021-22 में बढ़कर लगभग 3300 रुपये प्रति क्विं. भाव मिला है जो लगभग 17 फीसदी अधिक है और किसानों की प्रगति में सहायक है।
- मंडी की आय के संबंध में श्री नरवाल ने बताया कि वर्ष 2020-21 की तुलना में वर्ष 2021-22 में मंडी के सातों संभागों ग्वालियर, उज्जैन, इंदौर, भोपाल, सागर, जबलपुर एवं रीवा की आय में वृद्धि हुई है जिससे कुल मंडी आय में इजाफा हुआ है।
- गत वर्ष मंडी की आय लगभग 1034 करोड़ रुपये हुई है जो पूर्व वर्ष 2020-21 से लगभग 400 करोड़ रुपये अधिक है। वर्ष 2020-21 में लगभग 628 करोड़ रुपये की आय हुई थी।
- चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 के संबंध में श्री नरवाल ने बताया कि अप्रैल से मई तक लगभग 2 माह में गेहूं एवं चने तथा सरसों जैसी फसलों की आवक के चलते मंडियों में बहार है।
- लगभग 20 हजार करोड़ रुपए के ट्रेड हुए है तथा 300 करोड़ से अधिक मंडी की आय हो चुकी है।
क्या है सौदा पत्रक
मंडियों के बाहर किसानों एवं व्यापारियों को कानूनी रूप से व्यापार करने के लिए अधिक विकल्प देने एक सौदा पत्रक एक तैयार किया गया है।
यह एक डिजीटल मंडी है जो किसानों एवं व्यापारियों का काम मोबाइल के जरिए आसान करता है।
सौदा पत्रक एप कब हुआ लांच
मध्यप्रदेश के किसान घर से अपनी उपज बेच सके इसके लिए मंडी बोर्ड द्वारा पहल की गई। कोरोना संकट में मध्यप्रदेश की मंडियां बंद रहने पर राज्य शासन ने किसानों के घर से कृषि उपज खरीदने की छूट व्यापारियों को दी थी।
इस व्यवस्था से किसानों एवं व्यापारियों की भागीदारी को देखते हुए सौदा पत्रक से खरीदी प्रक्रिया के सफल परिणाम आने पर शासन ने मोबाइल एप से खरीदी व्यवस्था को स्थाई रूप दिया।
इसे निरंतर बनाये रखने के लिए मंडी बोर्ड के युवा उत्साही प्रबंध संचालक श्री विकास नरवाल ने 15 सितंबर 2021 को परिपत्र जारी कर सौदा पत्रक एंड्राइड मोबाइल एप के माध्यम से मंडी प्रांगण के बाहर कृषि उपज का क्रय-विक्रय की जाने के निर्देश समस्त मंडी सचिवों को दिये थे।
म.प्र. की मंडियों में आवक (रु. करोड़ में)
वर्ष | कुल आवक | कुल मूल्य | कुल मंडी फीस |
2020-21 | 348 लाख टन | 51564 | 628.64 |
2021-22 | 390 लाख टन | 69057 | 1034.91 |
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