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अभी के मौसम में किसान करें यह काम

 

रबी फसलों के लिए मौसम सलाह

 

देश में अभी सक्रीय पश्चिमी विक्षोभ के चलते मौसम में परिवर्तन हुआ है | जहाँ शीतलहर का दौर कम हुआ है जिससे तापमान में वृद्धि हो रही है, वहीँ कई स्थानों पर बारिश एवं ओलावृष्टि भी हुई है |

आने वाले दिनों में कई स्थानों पर हल्की बारिश की सम्भावना व्यक्त की गई है | अभी की ताजा परिस्थिति को देखते हुए रबी फसल के लिए किसानों को जरूरी सलाह दी गई है।

कृषि वैज्ञानिको के द्वारा देश के विभन्न राज्यों एवं जिले की जलवायु एवं वहां की परिस्थति को देखते हुए जारी की जाती है | वैज्ञानिकों द्वारा जारी कुछ सामान्य सलाह दी जा रही है | इसके अतरिक्त किसान अन्य जानकारी अपने क्षेत्र के कृषि अधिकारीयों या वैज्ञानिकों से ले सकते हैं |

 

गेहूं की खेती करने वाले किसानों के लिए सलाह

अभी जिन स्थानों पर आने वाले दिनों में बारिश की सम्भावना है वहां के किसान अभी गेहूं की फसल में सिंचाई न करें, अभी हल्की बारिश गेहूं की फसल के लिए लाभदायक है |

जिन स्थानों पर बारिश नहीं होती है वहां किसान मिट्टी में उपस्थित नमी एवं दाना भरते समय आवशयकता अनुसार सिंचाई करें |

गेहूँ की फसल में रोगों, विशेषकर रतुआ की निगरानी करते रहें। काला, भूरा अथवा पीला रतुआ आने पर फसल में डाइथेन एम-45 (2.5 ग्राम/लीटर पानी) का छिड़काव करें।

 

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जिन किसानों के गेहूं की फसल अभी दुधिया अवस्था वहां यदि दीमक की सम्भावना हे तो गेहूं की फसल को दीमक से बचाने के लिए किसान 2.5 लीटर क्लोरोपाइरीफास दवा प्रति हेक्टेयर सिंचाई जल के साथ दे सकते हैं |

गेहूं में फाल आर्मी वर्म कीट की इस्ल्लियों का प्रकोप होने पर इमामेक्टिन बेंजोएट 5 SG 50 ग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से छिडकाव करें | गेहूं की इल्ली या माहू का प्रकोप होने पर इमिडाक्लोप्रीड 100 मिली/एकड़ पानी में घोलकर छिड़काव करें |

 

चना एवं दलहनी फसलों की खेती कर रहे किसानों के लिए सलाह

रबी फसल के अंतर्गत आने वाले चना की फसल एवं अन्य दलहन फसलों में कीड़े मकोड़े इत्यादि लगने की संभावना है। इसको देखेते हुए मौसम साफ होते ही अनुशंसित कीटनाशकों का उपयोग करें।

चने में इल्लियों के नियंत्रण हेतु प्रोफेनोफास एवं साइपरमेथ्रिन मिश्रित कीटनाशक 400 मि.ली. प्रति एकड़ की दर से 200 लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करें । फलिभेदक कीट लगने की स्थिति में इसकी रोकथाम के लिए इंडोक्साकार्बा 14.5 SC 12-15ml/पम्प की दर से स्प्रे करें |

 

दलहनी फसलों में पीला मोजेक रोग दिखाई देने पर रोगग्रस्त पौधों को उखाड़ कर नष्ट कर दें तथा मेटासिस्टाक्स या रोगोर कीटनाशक दवा एक मि.ली. या एक लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।

दलहनी फसलों में उकठा (विल्ट) रोग दिखाई देने पर सिंचाई न करें अथवा स्प्रिंकलर द्वारा सिंचाई करें। बादल छाए रहने के कारण साग-सब्जियों में एफीड (मैनी) एवं भटा में फल एवं तनाछेदक लगने की संभावना को देखते हुए प्रारम्भिक कीट नियंत्रण हेतु एकीकृत कीट प्रबंधन का प्रयोग जैसे फीरोमोन प्रपंच, प्रकाश प्रपंच या खेतों में पक्षियों के बैठने हेतु खूंटी लगाना लाभकारी होगा।

 

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source : kisansamadhan

 

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