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दो प्रतिशत बौर पर ही लग पाता है आम का फल

 

खट्टे-मीठे स्वाद के लिए विंध्य का राजा कहे जाने वाला आम की इस वर्ष अच्छी पैदाबार होगी।

 

आम के पेड़ों पर बौर भी आ गई है। किसान और आम के शौकीन को उम्मीद है कि इस वर्ष आम का अच्छा स्वाद मिलगे तो वहीं कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने बताया कि जिस तरह से आम के पेड़ों पर बौर आई है उससे विंध्य में आम की अच्छी पैदावार होगी और लोगों को आम का स्वाद भरपूर मिल पाएगा।

बताया जा रहा है कि आम के फल में एकांतरण का भी प्रभाव पड़ता है। यानि की कई ऐसे पेड़ है जो कि प्रति वर्ष उसमें आम नहीं आ पाते है। कुछ वर्षों से किसान आम के पैदावार को लेकर जागरूक हुए है। जिसके चलते आम की पैदावर बढ़ा रही है।

 

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2 प्रतिशत पर ही लगता है फल

विशेषज्ञों ने बताया आम के पौधों पर लगने वाले फल बहुतायत मात्रा में लगते हैं लेकिन इसखलन होने के कारण महज 2 प्रतिशत फूलों पर ही आम के फल लगते हैं। फूलों पर स्खलन होने के कारण 98 प्रतिशत फूल उनके गिर जाते हैं।

इसके लिए वजह यह है कि मौसम की मार, तेज हवा चलने के साथ ही फूलों के कई बार खराब होने एवं उनका तेजी से इसखलन होता है। ऐसे में महज 2 प्रतिशत फूलों पर ही आम के फल लगते हैं। हालांकि लगने वाले फल पर्याप्त मात्रा में होते हैं।

 

विंध्य का राजा है आम

विंध्य क्षेत्र में जिस तरह से मिट्टी और मौसम का माहौल है उस हिसाब से आम के फल को लेकर अच्छा माहौल है। जिले में आम के पेड भी बहुतायत मात्रा है।

आम के फलों की कई किस्में मौजूद हैं। सबसे ज्यादा गोविंदगढ़ का सुंदरजा आम अपनी पहचान बनाए हुई है। वह प्रदेश ही नहीं देश भर में जाना जाता है। इसी तरह छोटे-बड़े आम जिले में तैयार होते है।

 

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source : naidunia

 

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