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सिंचाई परियोजना के चलते पथरीली जमीन पर हो रही खेती

 

सफलता को कर्नाटक में दोहराने की कोशिश

 

मोहनपुरा सिंचाई परियोजना की सफल कार्यप्रणाली देखने के लिए कर्नाटक से सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर‌ और उनकी टीम यहां पहुंची.

कनार्टक में अपरभद्रा परियोजना का काम चल रहा है.

इस परियोजना को राजगढ़ की मोहनपुरा परियोजना जैसा सफल बनाने के उद्देश्य से इसे देखा गया है.

 

मध्य प्रदेश में राजगढ़ जिले की राजस्थान की सीमा से लगा तंवरवाढ क्षेत्र जहां पथरीली जमीन होने और पानी नहीं होने से खेती कर पाना लगभग असम्भव था.

जमीन होने के बाद भी ग्रामीण पलायन कर दूसरे जिलो में जाकर मजदूरी करने को मजबूर थे.

मोहनपुरा वृहद सिंचाई परियोजना से ऐसे किसानों के खेतों में पानी पहुंचाया गया और सदियों से बंजर पड़ी जमीन पर इस साल खेती की गई.

गांव के लोगों ने इस‌ साल यहां गेहूं उगाया है.

 

राजगढ़ जिले की मोहनपुरा सिंचाई परियोजना की सफल कार्यप्रणाली देखने के लिए बुधवार को कर्नाटक से सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर‌ और उनकी टीम यहां पहुंची.

दरअसल कनार्टक में अपरभद्रा परियोजना का काम चल रहा है.

इस परियोजना को राजगढ़ की मोहनपुरा परियोजना जैसा सफल बनाने के उद्देश्य से इस परियोजना को देखा गया है.

 

‘कर्नाटक में हासिल करना चाहते हैं इसी तरह की सफलता’

कर्नाटक के सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर राघवन ने बताया कि हमने इस प्रोजेक्ट के बारे में काफी सुना है.

ये एक सपने की तरह है, जिसमें एक बेहतरीन टीम ने काम किया है. हम खुद अपनी आंखों से इस प्रोजेक्ट को देखना चाहते थे.

हम इसी तरह की सफलता कर्नाटक में भी हासिल करना चाहते हैं.

 

मोहनपुरा वृहद सिंचाई परियोजना से जिले के करीब 175 गांवों में प्रेशराइज्ड पाइप से स्काडा पद्धति से पानी पहुंचाया जा रहा है.

इस योजना की वजह से वे किसान लाभान्वित हो रहे हैं, जिनके खेतो में पानी नहीं होने से वो खेती ही नहीं कर पाते थे.

और जमीन होने के बावजूद पलायन कर मजदूरी करने के लिए मजबूर थे.

इस परियोजना से साल 2023 तक 700 गांवों के लाभान्वित होने का लक्ष्य रखा गया है.

 

2018 में पीएम मोदी ने किया था शुभारंभ

मोहनपुरा सिंचाई परियोजना देश की ऐसी पहली ऐसी परियोजना है, जिससे प्रेशर से खेतों में सिंचाई की जा रही है.

यह देश की पहली लंबी पाइपलाइन है. 3800 करोड़ रुपए की लागत की इस परियोजना के तहत सबसे लंबी प्रेशरयुक्त पाइप वाली अंडरग्राउंड नहर से 1 लाख 35 हजार हेक्टेयर जमीन में सिंचाई की जानी है.

पहले चरण में कालीपीठ क्षेत्र में 25 हेक्टेयर की पथरीली जमीन में सिंचाई की जा रही है.

अन्य क्षेत्रों में अंडरग्राउंड पाइप बिछाने का काम जारी है.

 

मोहनपुरा डैम राजगढ़ से 8 किलो मीटर दूर नेवज नदी पर बनाया गया है.

बांध का जलग्रहण क्षेत्र 3726 वर्ग किमी है. बांध से लगभग 35500 हेक्टेयर खरीफ और 62250 हेक्टेयर रबी मौसम में सिंचाई करना प्रस्तावित है.

ये योजना दिसंबर 2014 को शुरू की गई थी, जिसका जून 2018 में पीएम नरेंद्र मोदी ने शुभारंभ किया था.

 

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