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गोबर, गोमूत्र और केचुए से बनी खाद से किसानों की बढ़ी आमदनी

देश में ऑर्गेनिक खेती को तेजी से बढ़ावा दिया जा रहा है।

ऐसे में देश के किसान गोबर, गोमूत्र और केचुआ से खाद बनाकर मोटी कमाई कर सकते हैं।

भारतीय अर्थव्यवस्था में गायों का एक अहम रोल है। ग्रामीण इलाकों में गाय पालन एक कमाई का बहुत बड़ा जरिया है।

अब तक किसान केवल गाय के दूध का व्यवसाय करके मुनाफा कमाते थे।

लेकिन अब वे गोबर और गौमूत्र को भी बढ़िया आमदनी हासिल कर सकते हैं।

केचुआ को भी किसानों को मित्र कहा जाता है। यह भी किसानों को आमदनी बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है।

 

खेती के लिए काफी फायदेमंद

बदलते वक्त के साथ साथ ऑर्गेनिक खेती को भी भारत में बढ़ावा दिया जा रहा है।

जिससे किसान बिना केमिकल की खाद का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे किसानों को अच्छा उत्पादन और आमदनी भी बढ़ी है।

इन दिनों खेती किसानी में केचुआ खाद, गौ मूत्र का उपयोग तेजी से बढ़ा है।

 

केचुआ खाद

केचुए को अगर गोबर के रूप में भोजन दिया जाए तो इसे खाने के बाद विघटित होकर बने नए उत्पाद को केचुआ खाद यानी वर्मी कम्पोस्ट कहते हैं।

गोबर के वर्मी कम्पोस्ट में बदल जाने के बाद इसमें बदबू नहीं आती है। इसमें मक्खियां और मच्छर भी नहीं पनपते हैं।

इससे पर्यावरण में भी शुद्धि रहती है। इसमें 2-3 फीसदी नाइट्रोजन, 1.5 से 2 फीसदी सल्फर, और 1.5 से 2 फीसदी पोटाश पाया जाता है।

इसीलिए केचुआ को किसानों का मित्र कहा जाता है। यह खाद सिर्फ 2-3 महीने में तैयार हो जाती है।

ऐसे में देश के किसान केचुआ खाद का इस्तेमाल करके अपनी कमाई बढ़ा सकते हैं। सरकार भी ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा दे रही है।

 

गौमूत्र का इस्तेमाल

वैज्ञानिकों का मानना है कि खेती के लिए गाय का गोबर और गौमूत्र अमृत के तौर पर काम करते हैं।

इसके इस्तेमाल से मिट्टी में सूक्ष्म जीवों की संख्या बढ़ती है। जिसके चलते खराब भूमि भी वापस ठीक होने लगती है।

इस काम में गौमूत्र भी अहम भूमिका अदा करता है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और अब छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में तो गौमूत्र खरीदा भी जा रहा है।

हाल ही में छत्तीसगढ़ सरकार ने 4 रुपये प्रति लीटर गौमूत्र खरीदने का फैसला किया है।

बता दें कि गौमूत्र में नाइट्रोजन, गंधक, अमोनिया, कॉपर, यूरिया, यूरिक एसिड, फास्फेट, सोडियम, पोटैशियम, मैग्नीस, कार्बोलिक एसिड़ जैसे तत्व पाए जाते हैं।

 

गाय के गोबर की खाद

गाय के गोबर से जैविक खाद बनाने का प्रचलन तेजी से बढ़ा है। इसे बनाना बेहद आसान है।

इसे बनाने के लिए आपको गाय, का गोबर, गोमूत्र, गुड़, मिट्टी, बेकार या सड़े दाल, लकड़ी का बुरादा की जरूरत पड़ती है।

इससे आप गाय की गोबर की खाद बना सकते हैं। जो कि खेती के लिए काफी फायदेमंद होता है।

इस खाद से फसल की जड़ों को भरपूर मात्रा में आयरन, नाइट्रोजन और कैल्शियम मिलता है।

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