जानिए किसानों को कितना हुआ फायदा
देश में सोयाबीन का भाव प्रति क्विंटल 7 हजार रुपये के आंकड़े को पार कर चुका है.
पिछले साल यह रेट करीब 4500 रुपये के आसपास था.
देश आई में कोरोना की दूसरी लहर से हालात हर दिन और बिगड़ते जा रहे हैं. कई राज्यों ने इस पर काबू पाने के लिए लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगाए हैं.
RBI के मुताबिक, अगर आवाजाही पर लंबे प्रतिबंध लागू रहेंगे, तो इससे सप्लाई चेन पर असर पडे़गा और फिर जरूरी समानों की मांग बढ़ेगी और ऐसा होने से महंगाई बढ़ सकती है.
देश का वायदा बाजार नेशनल कमोडिटी एंड डेरीवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) अपने संकेत से देश में बढ़ती महंगाई की तरफ इशारा कर रहा है.
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इसका सबसे बड़ा उदाहरण है सोयाबीन तेल. NCDEX के अनुसार, सोयाबीन तेल बीते 11 महीनों में 72 फीसदी महंगा हुआ है.
जानकारों का मानना है कि इसके रेट अभी और भी बढ़ सकते हैं.
72 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी
कोरोना महामारी के दौरान सरसों तेल की मांग बढ़ी है. मगर तेजी से कीमतें सोयाबीन तेल की बढ़ी हैं.
11 महीनों में ही सोयाबीन तेल की कीमत में 72 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है.
किसानों को मिल रहे हैं अच्छे दाम
देश में सोयाबीन का भाव प्रति क्विंटल 7 हजार रुपये के आंकड़े को पार कर चुका है. पिछले साल यह रेट करीब 4500 रुपये के आसपास था.
सेयाबीन तेल का इस्तेमाल आम तौर पर खाने में किया जाता है. इसकी बढ़ी कीमतों की वजह से आम आदमी के किचन के बजट पर बोझ बढ़ा है.
हालांकि, देश के किसानों को इस बार तिलहनी फसलों के दाम अच्छे मिल रहे हैं.
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लोगों की वजह से भी बढ़ रहा भाव
एक्सपर्ट्स का कहना है कि देश के कई शहरों में लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाया गया है. लोगों को मन में डर है कि कहीं लॉकडाउन लंबा खींचा तो खाने-पीने की चीजों की उपलब्धता कम हो जाएगी.
इसकी वजह से लोग खाने पीने की चाजों को स्टोर कर रहे हैं. लोगों के ऐसा करने से बाजार में खाने-पीने की चीजों की कीमतें और बढ़ जाएंगी. कई जगहों पर ऐसा देखने को भी मिल रहा है.
सोयाबीन तेल के मौजूदा भाव
- सोयाबीन दाना 7220 – 7320 रुपये.
- सोयाबीन लूज 7120 – 7170 रुपये.
- सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली-15300 रुपये.
- सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 14950 रुपये.
- सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 14000 रुपये.
कृषि उत्पादों का सबसे बड़े वायदा बाजार NCDEX में एग्रीडेक्स पिछले 11 महीन में ही 44 प्रतिशत तक बढ़े हैं. इससे साफ पता चल रहा है कि देश में खाने-पीने की चीजों की कीमतों में किस तेजी से इजाफा हुआ है.
पिछले साल मई में जब इसकी शुरुआत हुई थी तब यह 1000 पाइंट पर था जो अब बढ़कर 1435 पर पहुंच चुका है.
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