हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें
WhatsApp Group Join Now

तरबूज की खेती से हो रही अच्छी आमदनी

 

रकबा भी बढ़ा

झाबुआ (बरवेट)। जिले में पिछले कुछ सालों से गर्मी के सीजन में तरबूज की बड़े पैमाने पर खेती की जा रही है। इस आफ सीजन में किसान तरबूज का उत्पादन कर अच्छी आमदनी भी प्राप्त कर रहे हैं।

बरवेट बावड़ी, रायपुरिया, रामनगर, बानी, रामगढ़, सारंगी, करवड़, खवासा आदि गांवों में किसानों ने तरबूज का रकबा बढ़ाया है।

कोरोनाकाल के कारण गत वर्ष महज चार से पांच रुपये प्रति किलो थोक रेट में तरबूज बिका था। ऐसे में किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था।

 

इस वर्ष टमाटर, मिर्च ने भी किसानों को कर्ज में धकेल दिया है। इससे उबरने के लिए यहां के किसानों को तरबूत की खेती से काफी आस है। पर्याप्त पानी, अन्य सुविधाएं और साधन होने से किसान तरबूज की खेती कर रहे हैं।

गर्मी के दिनों में सर्वाधिक पसंद किए जाने वाला तरबूज अब लोगों को आकर्षित करेगा। जिले में 600 हैक्टेयर से अधिक भूमि पर किसानों ने इस बार तरबूज लगाया है।

 

यह भी पढ़े : डॉलर चने के साप्ताहिक भाव

 

किसान दुलीचंद पन्नाालाल पाटीदार ने बताया कि खेतों में तरबूज निकालने की तैयारी में है। बाजार में मार्च से मई तक मांग रहती है। पेटलावद क्षेत्र में तरबूज 15 मार्च से निकलना शुरू हो जाएगा।

क्षेत्र का तरबूज पड़ोसी राज्य राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र तक जाता है। गत वर्ष से इस वर्ष लगभग डेढ़ से दोगुना रकबा बढ़ने की संभावना है। पिछली बार कोरोना के कारण थोक में चार से छह रुपये प्रति किलो तक तरबूज बिका था, जिससे अच्छी आमदनी प्राप्त नहीं हुई थी।

किसान कैलाश पाटीदार, लोकेंद्र पाटीदार का कहना है कि तरबूज की खेती काफी फायदेमंद है। इस बार अभी तक मौसम शुरू से ही तरबूज के अनुकूल है।

 

रकबा हुआ दुगुना

उद्यानिकी विभाग के एसडीओ सुरेश इनवाती ने बताया कि इस बार टमाटर और मिर्च वायरस अटैक के कारण खराब हो गए हैं। इससे खेत खाली पड़े हैं, जिनमें किसान तरबूज लगा रहे हैं। अबकी बार गत वर्ष से रकबा बढ़ रहा है।

 

यह भी पढ़े : गेहूं खरीदी में फिर पंजाब से आगे निकला एमपी

 

source : naidunia

 

शेयर करे