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ड्रोन खरीदने पर 100% तक की सब्सिडी दे रही सरकार

ड्रोन खरीद सब्सिडी

 

खेती-किसानी में पहले के मुकाबले ज्यादा तकनीकों को इस्तेमाल किया जाने लगा है.

इससे खेती करना किसानों के लिए थोड़ा बहुत आसान हुआ है.

हालांकि, अभी भी बड़ी संख्या में किसान आधुनिक यंत्रों को खरीदने में सक्षम नहीं हैं.

ऐसे में सरकार की तरफ से किसानों को इनपर आर्थिक अनुदान भी दिया जाता है.

 

खेती-किसानी में हाल के कुछ सालों में कई नए-नए इनोवेशन हुए हैं.

इन इनोवेशन के जरिए खेती-किसानी को आसान बनाना सरकार की मुख्य प्राथमिकता रही है.

अब खेती-किसानी में ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है.

इसे खरीदने के लिए किसानों को सरकार की तरफ से बंपर सब्सिडी भी दी जा रही है.

 

ड्रोन खरीदने पर मिल रहा है इतना अनुदान

केंद्र सरकार ड्रोन खरीदने के लिए 40 से 100 प्रतिशत तक का अनुदान दे रही है.

कृषि प्रशिक्षण संस्थानों, कृषि विश्वविद्यालयों को ड्रोन खरीदने के लिए 100 प्रतिशत यानी अधिकतम 10 लाख तक का अनुदान दिया जा रहा है.

वहीं, कृषक उत्पादक संगठनों को खरीद पर 75 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाता है.

 

कृषि से स्नातक युवा, अनुसूचित जाति/ जनजाति वर्ग,  महिला किसान ड्रोन खरीदने पर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी के योग्य हैं.

इनको अधिकतम 5 लाख रुपये की आर्थिक मदद की जाती है.

वहीं, अन्य किसानों को ड्रोन खरीदने पर 40 फीसदी यानी 4 लाख तक की सब्सिडी दी जाती है.

Subsidy On Drones

 

ड्रोन के उपयोग का क्या है फायदा

किसी भी फसल में अचानक बीमारी आ जाने के कारण स्प्रे करना असंभव होता था लेकिन इस ड्रोन तकनीक से एक बार में काफी बड़े एरिया में छिड़काव किया जा सकेगा.

इससे दवा और समय दोनों की बचत होगी. पहले समय के अभाव में किसान दवा का छिड़काव नहीं कर पाते थे.

जिससे फसलों में कीड़े लग जाते थे और फसलें बर्बाद होती थीं, मगर अब ड्रोन से एक भी बार में ज्यादा एकड़ में छिड़काव हो सकेगा.

 

उदाहरण के तौर पर समझिए कि आपने 30 एकड़ की फसल में खेती की है. फसल में कीड़े लग गए हैं.

कीटनाशक के छिड़काव में आपको काफी वक्त लग जाएगा.

वहीं, ड्रोन की मदद से आप एक ही दिन में सारी फसल पर कीटनाशक का छिड़काव कर फसल को बचा सकते हैं.

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