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सरकार उर्वरक कपंनियों को दे सकती है 28,600 करोड़ रुपए की सब्सिडी

 

कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिलने की उम्मीद

 

किसानों के लिए कोई मूल्य परिवर्तन नहीं होगा, क्योंकि यह कदम कंपनियों को कुछ उर्वरकों के खुदरा मूल्य में वृद्धि नहीं करने के लिए सरकार के निर्देश का पालन करता है.

 

केंद्र सरकार बाजार मूल्य से कम पर उत्पाद बेचने के मुआवजे के रूप में उर्वरक कंपनियों को अतिरिक्त 28,600 करोड़ रुपए की सब्सिडी दे सकती है. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट की बैठक में इस सप्ताह की शुरुआत में सर्दियों में बोई जाने वाली फसलों के लिए बढ़ी हुई सब्सिडी को मंजूरी दी जा सकती है.

डाई-अमोनियम फॉस्फेट पर फिक्स्ड सब्सिडी को अब 1,200 रुपए से बढ़ाकर 1,650 रुपए प्रति बैग किया जा रहा है.

 

किसानों के लिए कोई मूल्य परिवर्तन नहीं होगा, क्योंकि यह कदम कंपनियों को कुछ उर्वरकों के खुदरा मूल्य में वृद्धि नहीं करने के लिए सरकार के निर्देश का पालन करता है.

 

कृषि कानूनों के विरोध को देखते हुए केंद्र ले सकती है फैसला

सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी नए कानूनों पर पिछले एक साल से भारी विरोध का सामना करने के बाद किसानों पर जीत हासिल करने की इच्छुक है, जो निजी व्यवसायों को सीधे कृषि उत्पाद खरीदने की अनुमति देते हैं.

किसानों को डर है कि नए नियम सरकार के गारंटीकृत फसल खरीद तंत्र की जगह ले लेंगे.

उनका समर्थन मोदी की पार्टी के लिए अगले साल राज्य के प्रमुख चुनाव जीतने के लिए महत्वपूर्ण होगा.

 

प्रस्ताव आंशिक रूप से डीएपी और नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम उर्वरकों की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में वृद्धि को ऑफसेट करने के लिए भी है.

चालू वित्त वर्ष में बढ़ी हुई उर्वरक सब्सिडी फरवरी में अनावरण किए गए संघीय बजट में आवंटित 80,000 करोड़ रुपए से खर्च को बढ़ाकर 1 लाख करोड़ रुपए कर देगी.

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