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मध्य प्रदेश में ओलावृष्टि से परेशान किसानों को सरकार देगी राहत

मार्च के दूसरे पखवाड़े में प्रदेश में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की चमक फीकी पड़ गई है.

प्रदेश सरकार ने दागी गेहूं को समर्थन मूल्य पर खरीदी में शामिल करने की मांग केंद्र से की थी.

 

अब ऐसा गेहूं भी खरीदेगी

मध्य प्रदेश में ओलावृष्टि से जिन किसानों के गेहूं की फसल की चमक चली गई है, उनके लिए बड़ी राहत की खबर है.

अब चमक विहीन गेहूं भी प्रदेश सरकार समर्थन मूल्य पर खरीदेगी.

केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य व सार्वजनिक वितरण विभाग ने शिवराज सरकार की मांग पर यह छूट प्रदान कर दी है.

हालांकि, केंद्र सरकार ने यह जरूर कहा है कि चमक विहीन गेहूं का स्टॉक अलग से रखना होगा.

अगर उसकी गुणवत्ता खराब हुई तो जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी.

 

ओलावृष्टि से 70 हजार हेक्टेयर में नुकसान

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि ओलावृष्टि से लगभग 70 हजार हेक्टेयर में फसल को नुकसान हुआ है.

सर्वे के आधार पर 64 करोड़ रुपये की राहत राशि का आंकलन किया गया है.

उन्होंने बताया कि अभी चार-पांच जिलों की सर्वे रिपोर्ट आना बाकी है. जिन जिलों में ओले गिरे हैं,

वहां के प्रभारी मंत्रियों को भी एक बार चेक करने को कहा गया है, ताकि किसानों की मदद करने में कोई कसर नहीं रहे.

 

ओलावृष्टि से फीकी पड़ी गेहूं की चमक

यहां बता दे कि मार्च के दूसरे पखवाड़े में प्रदेश में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से कई किसानों के गेहूं की चमक फीकी पड़ गई है.

इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने बारिश व ओलावृष्टि के बाद दागी हुए गेहूं को समर्थन मूल्य पर होने वाली खरीदी में शामिल करने की मांग केंद्र सरकार से की थी.

हफ्ते भर पहले उपभोक्ता मामले व भारतीय खाद्य विभाग की टीम ने प्रदेश का दौरा कर फसल की स्थिति देखी थी.

अफसरों ने देखा था कि गेहूं की चमक फीकी हुई है, लेकिन यह काम आ सकता है.

इसके बाद जांच दल ने अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी थी, जिसके आधार पर यह निर्णय लिया गया.

केंद्र सरकार ने दी छूट

इस मामले को लेकर केंद्र सरकार ने कहा कि किसानों की कठिनाइयों को कम करने के लिए रबी विपणन सीजन 2023-2024 में एक अप्रैल से गेहूं की खरीदी में चमक विहीन गेहूं को भी शामिल करने की छूट दी जा रही है.

अब प्रदेश सरकार 1 अप्रैल से बिना किसी मूल्य कटौती के 10 प्रतिशत तक नुकसानी वाले गेहूं की खरीदारी करेगी.

बाद में यह छूट 10 से 80 प्रतिशत तक हो जाएगी.

 

इन जिलों में हुआ अधिक नुकसान

दरअसल, मार्च में नर्मदापुरम, शहडोल, जबलपुर, उज्जैन, चंबल, सागर, इंदौर, ग्वालियर, रीवा, भोपाल, मंडला बालाघाट, नरसिंहपुर, कटनी, सिवनी और छिंदवाड़ा में बारिश और ओले गिरे.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद विदिशा और सागर में नुकसान का आंकलन करने गए थे.

उन्होंने वहीं से घोषणा की थी कि जिन किसानों की फसल में 50 प्रतिशत तक का नुकसान हुआ है,

उन्हें 32 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा.

पहले फेज में रतलाम, आगर मालवा, रायसेन, विदिशा, खरगोन, राजगढ़, बड़वानी, भोपाल, शाजापुर ग्वालियर, शिवपुरी, श्योपुर, मुरैना और धार में 10 से 25 प्रतिशत तक के नुकसान का प्राथमिक आकलन किया गया था.

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