हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

6214 हेक्टेयर में बांस की रोपाई के लिये किसानों को दिया जायेगा अनुदान

 

बांस की खेती के लिए अनुदान

 

देश में बांस की खेती किसानों के लिए लाभदायक साबित हो रही है|

केंद्र सरकार बांस की कटाई पर रोक पहले ही हटा चुकी है जिससे किसानों के लिए बांस की खेती व्यापारिक उद्देश्यों के साथ की जा सकती है।

बांस की खेती को बढ़ावा देने के लिए देशभर में राष्ट्रीय बांस मिशन चलाया जा रहा है जिसके तहत सरकार द्वारा किसानों को अनुदान दिया जाता है।

बांस की खेती किसी भी भूमि पर की जा सकती है, ख़ासकर अनुपाजाऊ भूमि पर। जिससे किसानों को अतिरिक्त आमदनी प्राप्त हो सकती है।

 

अक्सर किसान इसकी खेती उन भूमि पर करते हैं जहाँ पर दुसरे फसलों की खेती नहीं की जा सकती है|

इसको देखते हुए राज्य सरकारें भी बांस की खेती के लिए ऐसी भूमि का चिन्हित करने लगी है|

मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य में बांस की खेती के लिए जिलों का चयन कर लिया है|

इन जिलों में बांस की बड़े पैमाने पर रोपाई की जाएगी तथा इसके लिए किसानों को अनुदान भी उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है|

 

बांस की रोपाई के लिए इन जिलों का किया गया है चयन

मध्य प्रदेश सरकार ने “एक जिला-एक उत्पाद योजना” के तहत राज्य के तीन जिलों का चयन बांस उत्पादन के लिए किया गया है।

वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने कहा है कि प्रदेश में बांस क्षेत्र के समग्र विकास के लिए राज्य बांस मिशन में हरदा, देवास और रीवा जिले का चयन कर 5 साल का रोडमैप तैयार किया गया है।

 

किसानों को दिया जायेगा प्रशिक्षण एवं अनुदान

वन मंत्री डॉ. शाह ने बताया कि “एक जिला-एक उत्पाद” योजना में इन तीनों जिलों में 12 हजार 324 हेक्टेयर क्षेत्र में बांस-रोपण के साथ साढ़े तीन हजार किसान और बांस शिल्पियों को कौशल उन्नयन का प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।

साथ ही इन जिलों में बांस प्र-संस्करण की 11 इकाइयाँ लगाई जाकर बांस के विपणन में सहयोग दिलाया जाएगा।

 

तीनों जिलों में किसानों को प्रोत्साहित कर अनुपाजाऊ निजी भूमि पर 5 वर्ष में 6214 हेक्टेयर में बांस-रोपण के लिये अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। इससे उनके आर्थिक स्तर में वृद्धि हो सकेगी।

उन्होंने कहा कि बांस उत्पादों को बेहतर कीमत उपलब्ध कराने के लिए बांस बाजार और एम्पोरियम की मदद भी ली जाएगी।

वन विभाग द्वारा वन क्षेत्रों में किए जा रहे पौध-रोपण क्षेत्र की फेंसिंग के लिए अब सीमेंट पोल के स्थान पर बांस के पोल्स लगाने का निर्णय लिया गया है।

 

बांस की खेती पर दिया जाने वाला अनुदान

राष्ट्रीय बाँस मिशन के तहत प्रदेश के किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर उन्नत गुणवत्ता वाले बाँस के पौधे उपलब्ध कराये जाते हैं।

प्रति पौधा 240 रूपये लागत वाला यह पौधा किसानों को 120 रूपये में मिलता है। राशि अनुदान का वितरण तीन वर्षो तक किया जाता है।

पहले साल में 60 रूपये प्रति पौधा, दूसरे में 36 रूपये और तीसरे साल में किसानों को 24 रूपये प्रति पौधा अनुदान दिया जाता है।

पहले वर्ष में रोपित सभी पौधों पर अनुदान दिया जायेगा।

दूसरे साल 80 प्रतिशत पौधों की जीवितता पर (मृत पौधा बदलाव सहित) और तीसरे साल शत-प्रतिशत पौधों की जीवितता (मृत पौधा बदलाव सहित) सुनिश्चित करने पर अनुदान दिया जायेगा।

source

 

यह भी पढ़े : e uparjan mp किसान ऑनलाइन पंजीयन समर्थन मूल्य खरीदी | 2022-23

 

यह भी पढ़े : भिंडी की उन्नत खेती के लिए अपनाएं ये विधि

 

शेयर करे