लम्पी बीमारी, टीकाकरण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रेटर नोएडा में सोमवार को वर्ल्ड डेयरी समिट-2022 का उद्घाटन किया।
उन्होंने कहा- ‘पिछले कुछ समय में भारत के अनेक राज्यों में लम्पी बीमारी से पशुओं का नुकसान हुआ है।
राज्य सरकारों के साथ मिलकर केंद्र सरकार इसे कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है।
हमारे वैज्ञानिकों ने लम्पी रोग की स्वदेशी वैक्सीन भी तैयार कर ली है।
भारत में हम पशुओं के यूनिवर्सल वैक्सीनेशन पर भी जोर दे रहे हैं।
हमने संकल्प लिया है कि 2025 तक हम शत प्रतिशत पशुओं को फुट एंड माउथ डिजीज और मुसेलोसिस की वैक्सीन लगाएंगे।
हम इस दशक के अंत तक इन बीमारियों से पूरी तरह से मुक्ति का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।’
समिट में 50 देशों के डेलिगेट्स, 800 किसानों समेत करीब 1500 प्रतिनिधि शामिल हुए।
8 साल में 44% दूध उत्पादन की वृद्धि हुई
पीएम ने कहा कि 2014 के बाद से हमारी सरकार ने भारत के डेयरी सेक्टर के कैपेसिटी को बढ़ाने के लिए काम किया।
आज इसका नतीजा है कि दूध उत्पादन से लेकर किसानों की आय में बढ़ी है। 2014 में भारत में 14.6 करोड़ टन दूध का उत्पादन होता था।
2022 में ये बढ़कर 21 करोड़ टन पहुंच गया। इन 8 सालों में करीब 44% की वृद्धि हुई है।
केंद्रीय पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने कहा, 1974 में देश का दूध उत्पादन 2.3 करोड़ टन था जो 2022 में 10 गुना बढ़कर 21 करोड़ टन हो गया है।
भारत के डेयरी सेक्टर में असली ताकत छोटे किसान
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘डेयरी सेक्टर न सिर्फ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देता है, बल्कि ये दुनियाभर में करोड़ों लोगों की आजीविका का भी प्रमुख साधन है।
भारत में डेयरी सेक्टर की असली ताकत छोटे किसान हैं जो विश्व के अन्य विकसित देशों से अलग हैं।’
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