होगा समस्या का समाधान
किसानों को खाद वितरण में किसी प्रकार की समस्या आती है, अधिक पैसे लेते है या कालाबाजारी की शिकायत के लिए फोन करें.
देश में यूरिया उचित मूल्य पर उपलब्ध कम है और कालाबाजारी में पर्याप्त मात्रा में हो रही है।
इसके अलावा गांव-गांव शहर-शहर में कृषि अधिकारी किस काम के, जो किसानों के यूरिया का उपयोग कब एवं कितना किया जाए, इसका प्रशिक्षण अभी तक नहीं दे पाए वरना यूरिया की खपत में काफी मात्रा में कम हो सकती थी।
बिक रहे नकली कीटनाशक
देश में नकली कीटनाशक एवं यूरिया धड़ल्ले से बिक रहे हैं।
अधिक यूरिया के वैश्विक स्तर पर अधिक यूरिया एवं कीटनाशक उपयोग किए उत्पादों की मांग ने केवल कम पड़ने लगी है, वरन् कुछ देशों ने निर्यात बंद कर दिया है।
किसानों को सोयाबीन, तुअर, मूंग, उड़द जैसी फसलों की लागत बढ़ने से उत्पादन के प्रति रुझान घटता जा रहा है।
इन फसलों का विदेशों में भी उत्पादन घटने लगा है।
यहां संपर्क करें
किसानों की खाद से संबंधित समस्या का समाधान करने के लिए राज्य सरकार ने टेलीफोन नंबर – 0755-2678403 जारी किया है।
जिस पर किसान खाद वितरण में गड़बड़ी और खाद के लिए अधिक राशि मांगने जैसी शिकायतें कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के नाम संदेश में यह जानकारी दी।
उन्होंने अपील की कि खाद को लेकर फैलाई जा रही अफवाहों पर ध्यान न दें। जितनी जरूरत हो, उतना खाद उठाएं।
उर्वरक सब्सिडी मंजूर
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने रबी सीजन- 2022-23(01 अक्टूबर 2022 से 31 मार्च 2023 तक) के लिए 51,875 करोड़ रुपये उर्वरक अनुदान को स्वीकृति दी है।
रबी सीजन- 2022-23 के दौरान नाइट्रोजन (एन), फॉस्फोरस (पी), पोटाश (के), सल्फर (एस) जैसे विभिन्न पोषक तत्वोंसे युक्त फॉस्फेट और पोटास (पी एंड के) उर्वरकों के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) की प्रति किलोग्रामदरों से सम्बन्धित उर्वरक विभाग के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है।
वर्ष | रुपये प्रति किलोग्राम | |||
नाइट्रोजन | फास्फोरस | पोटाश | सल्फर | |
रबी, 2022-23 (01 अक्टूबर 2022 से 31 मार्च 2023 तक) | 98.02 | 66.93 | 23.65 | 6.12 |
माध्यम से स्वदेशी उर्वरक
मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित सब्सिडी में माल ढुलाई सब्सिडी के माध्यम से स्वदेशी उर्वरक (एसएसपी) का समर्थन शामिल है।
इससे रबी 2022-23 के दौरान सभी फॉस्फेट और पोटास उर्वरक रियायती/किफायती कीमतों पर किसानों को आसानी से उपलब्ध होंगे और इससे कृषि क्षेत्र को सहायता मिलेगी।
उर्वरकों और कच्चे माल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में अस्थिरता के कारण हुई मूल्य-वृद्धि को मुख्य रूप से केंद्र सरकार द्वारा वहन किया गया है।
इस साल सब्सिडी वाले खाद की कीमत यह
- यूरिया के एक बोरी 45kg की कीमत- 266.50 रुपए
- डीएपी के एक बोरी 50 केजी की कीमत- 1350 रुपए
- एनपीके के एक बोरी की कीमत- 1470 रुपए
- एमओपी के एक बोरी की कीमत- 1700 रुपए
बिना सब्सिडी वाले खाद की कीमत यह
- यूरिया के एक बोरी 45kg की कीमत- 2450 रुपए
- डीएपी के एक बोरी 50 केजी की कीमत- 4073 रुपए
- एनपीके के एक बोरी की कीमत- 3291 रुपए
- एमओपी खाद की एक बोरी की कीमत- 2654 रुपए
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