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इन तरीकों से गाय-भैंस के गोबर से भी कर सकते है बिजनेस

अगर आप खुद का बिजनेस करना चाहते है तो, गाय- भैंस का गोबर भी देगा बंपर मुनाफा तो आइये जानते हैं इसके बारे में…

 

होगी जबरदस्त कमाई

गांवों में गाय-भैंस के गोबर का इस्तेमाल अधिकतर पशुपालक उपले बनाने के लिए करते नजर आते हैं या तो फिर उसे बेकार समझ कर फेंक देते हैं।

हालांकि, आज के दौर में गोबर का उपयोग उपले बनाने से लेकर खेतों के लिए खाद बनाने के तौर पर किया जा रहा है।

इसके अलावा गोबर से कई अन्य तरह के प्रोडक्ट बनाए जा रहे हैं, जिनकी मार्केट में बेहद डिमांड है।

अब सरकार भी गोबर का उपयोग मुनाफे के लिए करने के लिए नई योजना ला रही है।

 

गोबर से कागज बनाना

गाय-भैंस के गोबर का इस्तेमाल करके पेपर तैयार किया जा सकता है। भारत सरकार भी इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं।

इस प्रोजेक्ट के माध्यम से पशुपालकों से गोबर खरीद उन्हें आर्थिक तौर पर सहायता प्रदान किया जाएगा।

 

अगरबत्ती बनाने में उपयोग

अगरबत्ती बनाने में गोबर का उपयोग किया जाता है।

कई कंपनियां पशुपालकों से ठीक-ठाक दामों पर गोबर खरीदती हैं और उसका उपयोग सुगंठित अगरबत्तियां बनाने में करती हैं।

 

गोबर से ईकोफ्रेंडली मूर्ति

गाय के गोबर में लक्ष्मी का निवास है, ऐसी हमारी धार्मिक मान्यता है। गाय के गोबर से ही निर्मित लक्ष्मी प्रतिमा का पूजन श्रेष्ठ होता है।

बाजार में मिलने वाले मूर्तियों के सांचे में गोबर को सुखाकर तैयार किया एक-डेढ़ किग्रा बुरादा, आधा किलो मैदा लकड़ी, सौ ग्राम फेवीकोल मिक्स कर डाल उसमें भरकर चार-पांच दिन रखा जाए तो एक 15 इंच की मूर्ति डेढ़ सौ रुपए तक में तैयार हो जाएगी।

ऐसी मूर्तियों की भी मार्केट में डिमांड हो रही है।

 

गाय भैंस के गोबर से बनाए गमला

गाय के गोबर को सुखाकर उसकी पिसाई कर बुरादा तैयार कर मूर्ति गमला आदि बनाए जा सकते हैं।

एक किलोग्राम गोबर के बुरादे से तैयार होने वाली मूर्तियों गमलों की मार्केट वैल्यू भी अच्छी है।

कानपुर गोशाला में तैयार होने वाले ये उत्पादन बड़े स्तर पर खरीदे जाते हैं।

आठ किलो गोबर काे सुखाने से करीब डेढ़-दो किलोग्राम तक का बुरादा तैयार हो सकता है।

इसमें 250 से 300 ग्राम मैदा लकड़ी पाउडर, 150 ग्राम फेविकोल मिलाकर गमले के शेप के जरिए उसे आकार दिया जा सकता है।

इस तरह के गमले आकर्षक लगते हैं जिन्हें बाजार में अच्छा रेस्पोंस मिल सकता है।

 

खाद बनाने में उपयोग

वर्तमान में सरकार भी किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।

इसकी खेती में खाद के तौर पर गोबर का इस्तेमाल बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है, इसके उपयोग से किसान जीवामृत से लेकर केंचुआ खाद बना कर उसका उपयोग कर अपने फसलों का उत्पादन बढ़ा सकते हैं।

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