हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

मंडी में गेहूं के भाव में आई तेजी

 

एमएसपी पर उपज बेचने से दूरी बना रहे किसान

 

इन दिनों देश की मंडियों में गेहूं के भावों में उछाल आया हुआ है।

किसानों को प्राइवेट मंडियों में गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी से अधिक दाम मिल रहे हैं जिससे किसानों के चहरे पर खुशी है।

बता दें कि कई राज्यों में गेहूं की खरीद शुरू हो गई है और अन्य राज्यों में इसकी खरीद शुरू होने वाली है।

बात करें मध्यप्रदेश की तो यहां न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन की शुरुआत सोमवार से हो चुकी है।

लेकिन मंडी में किसानों की कोई खासी भीड़ दिखाई नहीं दे रही है।

ऐसा लगता है कि इस बार किसान शायद ही एमएसपी पर अपनी गेहूं की उपज बेचे।

ऐसा इसलिए कि उन्हें एमएसपी से ज्यादा भाव तो मंडियों में ही मिल रहे है तो वे क्यों एमएसपी पर गेहूं बेचेंगे।

 

गेहूं के भाव बढ़ने का क्या है कारण

मंडी में गेहूं के भाव बढऩे के पीछे कारण रूस-यूक्रेन युद्धको बताया जा रहा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण आयात की मांग बढऩे से गेहूं के दामों में तेजी देखी जा रही है।

इसलिए किसानों ने समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने से फिलहाल किनारा कर लिया है।

दूसरा कारण सहकारी समिति कर्मचारियों की हड़ताल का भी रहा, जिसने समर्थन मूल्य पर खरीद को प्रभावित किया है।

 

गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य और मंडी भाव में कितना अंतर

बता दें कि किसानों को मंडी में गेहूं का दाम 2100 से लेकर 2500 रु प्रति क्विंटल के बीच मिल रहा है, जबकि समर्थन मूल्य 2015 रुपए /क्विंटल है।

यही कारण है कि किसान पंजीयन कराने के बावज़ूद समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने में रूचि नहीं दिखा रहे हैं।

इससे सरकारी खरीद केंद्रों पर इस बार किसानों की भीड़ दिखाई नहीं दे रही है।

लगता है किसान इस बार शायद ही अपनी गेहूं की उपज सरकारी केंद्रों तक लाएं।

हालांकि ये किसानों के लिए अच्छी बात है कि गेहूं का भाव बढ़ रहा है जिससे किसानों को लाभ होगा।

 

सरकारी खरीद केंद्रों पर फीकी रही शुरुआत, नाममात्र की हुई खरीद

मिडिया रिपोट्स के अनुसार मध्यप्रदेश के इंदौर -उज्जैन संभाग के जिलों में सोमवार को समर्थन मूल्य पर खरीदी की शुरुआत फीकी रही।

खरगोन जिले के 73 केंद्रों में से 64 केंद्र सहकारी समिति कर्मचारियों की हड़ताल से बंद रहे।

शेष 9 केंद्रों पर भी कोई किसान गेहूं बेचने नहीं आए। बड़वानी जिले में भी खरीदी नहीं हुई।

तलुन केंद्र पर मात्र दो किसानों ने 10 अप्रैल का स्लॉट बुक कराया है। खंडवा जिले में 79 उपार्जन केंद्र बनाए हैं।

33 हजार किसानों ने पंजीयन भी कराया, लेकिन मात्र 4 किसानों ने स्लॉट बुक कराया।

मंदसौर जिले में सिर्फ पांच किसानों से 250 क्विंटल गेहूं की खरीदी की गई। देवास जिले में भी ऐसी ही स्थिति रही।

139 केंद्रों पर गिनती के किसान पहुंचे। उज्जैन जिले के 172 केंद्रों में से 19 केंद्रों पर मात्र 1200 क्विंटल गेहूं का उपार्जन हुआ।

धार जिले में 109 केंद्र शुरू किए गए, लेकिन पहले दिन किसी किसान ने गेहूं नहीं बेचा।

झाबुआ जिले में भी 17 किसानों ने बुकिंग कराई थी ,लेकिन सिर्फ 7 किसानों ने ही 35 क्विंटल गेहूं बेचा।

इंदौर जिले में भी गेहूं खरीद केंद्रों के यही हालात हैं।

 

इस बार क्या है गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2022-23

केंद्र सरकार की ओर से हर रबी और खरीफ सीजन के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किए जाते हैं।

रबी फसलों की बुआई से पहले ही रबी की विभिन्न फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किए जा चुके हैं, जिस पर ही सभी राज्यों में इन फसलों की सरकारी खरीद की जाएगी।

इस वर्ष 2022-23 के लिए गेहूं, चना, सरसों तथा जौ का न्यूनतम समर्थन मूल्य इस प्रकार है-

  • गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2015 रुपए प्रति क्विंटल रखा गया है।
  • चना का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5230 रुपए प्रति क्विंटल है।
  • सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5050 रुपए प्रति क्विंटल रहेगा।
  • जौ का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1635 रुपए प्रति क्विंटल है।

 

किसान को गेहूं खुले बाजार में बेचने से होगा लाभ

हमने ऊपर आपको इस रबी सीजन के लिए जो केंद्र सरकार की ओर से फसलों का न्यूनत समर्थन मूल्य यानि एमएसपी तय किया गया है उसकी लिस्ट दी है।

लेकिन बता दें कि इस वर्ष बाजार में गेहूं एवं सरसों का मूल्य सरकार की ओर से तय किए गए न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक चल रहा है।

ऐसी स्थिति में किसानों के लिए गेहूं खुले बाजार में बेचना ज्यादा अच्छा रहेगा।

न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए पंजीयन करने के बावजूद भी अच्छा दाम मिलने पर किसान चाहे तो अपनी उपज व्यापारियों को सीधे बेच सकते हैं।

 

मध्य प्रदेश की मंडियों में गेहूं का भाव

मध्यप्रदेश की अजयगढ़ मंडी में गेहूं का भाव  2050 रुपए, बाबई में 2022 रुपए, बडऩगर में 2353 रुपए, बैतूल में 2155 रुपए, भानपुरा में 2020 रुपए, भीकनगांव में 2350 रुपए, भिंड में 2101 रुपए, झाबुआ में 2020 रुपए, खरगोन में 2300 रुपए, खातेगांव में 2395 रुपए, खुजनेर में 2050 रुपए, मन्दसौर में 2292 रुपए, नलकेहड़ा में 2040 रुपए, रेहटी में 2082 रुपए, सांवेर में 2450 रुपए, सेगांव में 2134 रुपए, सेमरीहरचंद में 2031 रुपए, श्योपुरकला में 2201 रुपए, सोनकच्छ में 2265 रुपए और उज्जैन मंडी में 2536 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं का भाव रहा।

source : tractorjunction

यह भी पढ़े : खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाई गई

 

यह भी पढ़े : आधार से लिंक खातों में ही होगा पीएम किसान सम्मान निधि की राशि का भुगतान

 

शेयर करे