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कलौंजी से खुलेगा किस्मत का ताला

 

औषधीय फसल के लिए कठोरा के किसानों का सामूहिक प्रयास

 

कठोरा के किसानों ने समूह बनाकर औषधीय फसल कलौंजी लेने का जो प्रयास किया है, वह प्रशंसनीय है।

इस प्रयास से इन किसानों की किस्मत का ताला तो खुलेगा ही,अन्य किसान भी समूह बनाकर औषधीय फसल लेने के लिए प्रेरित होंगे।

 

पहली बार कलौंजी की फसल लेने की कोशिश

खरगोन जिले के कसरावद से 6 किमी दूर मंडलेश्वर मार्ग पर स्थित ग्राम कठोरा के प्रगतिशील किसान श्री तिलोक यादव ने कृषक जगत को बताया कि गांव के यादव समाज के 7-8 किसानों, जिनमें श्री रघुराम यादव,श्री कृष्णलाल यादव,श्री खेमराज यादव, श्री पूनम चंद यादव,श्री परमानन्द यादव,श्री सुभाष यादव, श्री विपिन यादव और श्री मथुरालाल यादव शामिल हैं, ने अनौपचारिक समूह बनाकर अपने खेतों में पहली बार कलौंजी की फसल लेने की कोशिश की है।

इसकी प्रेरणा गत वर्ष श्री रघुराम यादव के यहां एक एकड़ में कलौंजी का उत्पादन 4 क्विंटल होने के साथ ही करीब 65 हजार रु का शुद्ध मुनाफा होने से मिली।

इन किसानों के इस नवाचार में आत्मा परियोजना कसरावद के श्री सुनील बर्फा और श्री देवेंद्र चौहान का यथासमय मार्गदर्शन और सहयोग मिलता रहता है।

 

कलौंजी का उत्पादन और भाव

श्री यादव ने कहा कि उनके 12 एकड़ के खेत में गन्ना, डॉलर चना आदि के अलावा 3 एकड़ में गत 24 नवंबर को कलौंजी लगाई थी।

फिलहाल फसल अच्छी स्थिति में है और 10-12 क्विंटल उत्पादन होने का अनुमान है। कलौंजी का भाव 18 से 25 हजार रुपए क्विंटल तक मिलता है।

इसके लिए नीमच मंडी उपयुक्त है। प्रयोग के तौर पर आधा एकड़ में अश्वगंधा भी लगाई है।

किसानों का यह समूह 6 माह पूर्व अस्तित्व में आया। अब समूह का औपचारिक पंजीयन कराने की प्रक्रिया की जा रही है।

इन किसानों को कलौंजी के जरिए किस्मत का ताला खुलने की उम्मीद है।

source : krishakjagat

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