हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें
WhatsApp Group Join Now

एक एकड़ में 30 क्विंटल उपज देगी गेहूं की ‘कुदरत 8 विश्वनाथ’ किस्म

गेंहू की किस्म

 

विपरीत परिस्थितियों में भी साथ देगी गेंहू की कुदरत 8 विश्वनाथ किस्म, जानें इसकी विशेषता एवं खेती के बारे में.

 

देश में खरीफ फसलों की कटाई का काम पूरी तरह समाप्त हो चुका है।

सभी किसान साथी अब रबी फसलों की बुवाई में लगे हुए है।

देश के कई हिस्सों में रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं एवं अन्य फसलों की बुवाई लगभग हो चुकी है।

 

अच्छा उत्पादन देने की क्षमता

किसानों की बीज चयन की परेशानियों को दूर करने के लिए कुदरत कृषि अनुसंधान संस्थान, ताडिया, जखिनी, वाराणसी जिले के किसान प्रकाश सिंह रघुवंशी द्वारा गेहूं की किस्म ‘कुदरत 8 विश्वनाथ’ विकसित किया गया है।

अधिक उत्पादन प्राप्त करने के इच्छुक किसानों के लिए गेहूं की ये देसी किस्म ‘कुदरत 8 विश्वनाथ’ किसी वरदान से कम नहीं है।

गेहूं की ये किस्म बारिश-आंधी व ओले आदि जैसी स्थिति को मात देकर अच्छा उत्पादन प्रदान करेंगी।

 

गेहूं किस्म ‘कुदरत 8 विश्वनाथ’

आज के इस आधुनिक युग में वैज्ञानिक समय-समय पर विभिन्न प्रकार की नई किस्मों को विकसित करते रहते हैं।

लेकिन कई ऐसी देशी किस्में मौजूद है जो इन विकसित की गई किस्मों से अधिक उत्पादन व लाभ प्रदान करती हैं। ऐसी ही एक किस्म है कुदरत 8 विश्वनाथ।

इस देशी किस्म को कुदरत कृषि अनुसंधान संस्थान, ताडिया, जखिनी, वाराणसी उत्तर प्रदेश के किसान प्रकाश सिंह रघुवंशी ने विकसित किया हैं।

इस किस्म की खास बात यह है कि ये गेहूं फसल के मौसम में घटते तापमान को सहने की अधिक क्षमता होती है।

यानी तापमान बढ़ने पर भी गेहूं की यह किस्म बेकार नहीं होगी।

गेहूं की इस किस्म की फसल करीब 110 से 115 दिनों के अदंर पककर पूरी तरह से कटाई के लिए तैयार हो जाती है।

इसकी फसल की ऊंचाई लगभग 90 सेटीमीटर और लंबाई 20 सेटीमीटर तक की होती है।

 

किस्म की खासियत/गुण

गेहूं की इस किस्म में अनेक विशेषताएं हैं जो इसे किसानों के बीच लोकप्रिय विकल्प बनाती हैं।

इसकी कुछ खास विशेषताएं इस प्रकार हैं –

  • कुदरत 8 विश्वनाथ किस्म का गेहूं नवंबर से लेकर जनवरी के पहले सप्ताह तक बोया जा सकता है।
  • इस किस्म को अगेती खेती व पिछेती खेती दोनों तरह से बोया जा सकता हैं।
  • कुदरत 8 विश्वनाथ गेहूं की किस्म की फसलों पर तेज बारिश-हवा-आंधी व ओले गिरने से भी कोई असर नहीं पड़ता, क्योंकि इस किस्म के पौधे के तने मोटे व मजबूत होते हैं।
  • कुदरत 8 विश्वनाथ की बुवाई करके किसान प्रति एकड़ लगभग 25 से 30 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।
  • कुदरत 8 विश्वनाथ की फसल अवधि 110 से 115 दिन की होती हैं।

 

किस्म की खेती करने वाले राज्य

अपने देश में कुदरत 8 विश्वनाथ गेहूं की खेती प्रमुख रुप से उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, गुजरात और महाराष्ट्र में होती है।

इन राज्यों के किसान भाई इस किस्म की बुवाई करके अच्छा लाभ कमा रहे हैं।

 

कुदरत 8 विश्वनाथ गेहूं का बीज

जो किसान भाई गेहूं की कुदरत 8 विश्वनाथ की बुवाई करना चाहते हैं तो वह कुदरत कृषि अनुसंधान संस्थान, ताड़िया, जक्खिनी, पिन 221305, जिला वाराणसी, उत्तर प्रदेश से संपर्क करके बीज प्राप्त कर सकते है।

या फिर आप अपने जिले के नजदीकी सरकारी बीज केंद्र में जाकर बीज प्राप्त कर सकते हैं।

यह भी पढ़े : एक सेल्फी से 11 हजार रुपये कमाने का मौका

 

यह भी पढ़े : किसानों को इन मशीनों पर 50 फीसदी सब्सिडी

 

शेयर करें