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मौसम विभाग ने जारी किया मानसून पूर्वानुमान

 

मानसून सीजन में वर्षा का पूर्वानुमान 2022

 

किसानों के लिए राहतभरी खबर सामने आई है, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग IMD ने वर्ष 2022 के लिए मानसून का पहला पूर्वानुमान जारी कर दिया है।

देश में किसानों के लिए दक्षिण-पश्चिम मानसून का बहुत अधिक महत्व है ख़ासकर ऐसे स्थानों पर जहां के किसान खेती के लिए सिर्फ़ मानसूनी वर्षा पर ही निर्भर करते हैं।

भारतीय मौसम विभाग की मानें तो इस वर्ष भी मानसून सीजन में सामान्य वर्षा रहने का अनुमान है।

जिसमें दक्षिण-पश्चिम मॉनसून (जून-सितम्बर, 2022) के दौरान औसत का 99% बारिश (Model Error: ± 5%) होने का पूर्वानुमान जारी किया गया है।

 

बारिश 5 फीसदी अधिक या कम

मौसम विभाग ने कहा कि ऑपरेशनल स्टैटिस्टिकल एनसेम्बल फोरकास्टिंग सिस्टम (एसईएफएस) पर आधारित पूर्वानुमान से पता चलता है कि मॉनसूनी बारिश लंबी अवधि के औसत (एलपीए) का 99 फीसदी होने की संभावना है।

जबकि 1971 से 2020 की अवधि के दौरान पूरे देश में मौसमी वर्षा का एलपीए 87 सेमी है।

मौसम विभाग ने कहा कि लगाए गए पूर्वानुमान में बारिश 5 फीसदी अधिक या कम हो सकती है।

2022 के मॉनसून सीजन जून से सितंबर के दौरान पूरे देश में मॉनसूनी वर्षा का औसत सामान्य एलपीए का 96 से 104 फीसदी रहने का अनुमान है।

 

मानसून सीजन (जून-सितम्बर) तक किस क्षेत्र में कैसी होगी बारिश

मौसम विभाग के अनुसार वर्षा के स्थानिक वितरण से पता चलता है कि प्रायद्वीपीय भारत के उत्तरी बागों के कई क्षेत्रों और मध्य भारत, हिमालय की तलहटी और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से लेकर सामान्य से अधिक ऋतु वर्षा होने की सम्भावना है।

पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों, उत्तर भारत और दक्षिणी प्रायद्वीप के दक्षिणी हिस्सों में सामान्य से लेकर सामान्य से नीचे बारिश होने की सम्भावना है।

monsoon rain forecast map

 

ऋतुनिष्ठ वर्षा (जून-सितम्बर) के लिए टर्सील श्रेणियों सामान्य से अधिक (नीले रंग से), सामान्य वर्षा (हरे रंग से) एवं सामान्य से कम वर्षा(पीले एवं लाल रंग) से चित्र में दर्शाया गया है। सफ़ेद छायांकित क्षेत्र जलवायु संबंधी सम्भावनाओं को बताते हैं।

 

किन राज्यों में कैसी होगी मानसूनी वर्षा

मौसम विभाग के द्वारा जारी मानसून पूर्वानुमान में जैसा कि चित्र में नीले रंगो से दर्शाया गया है के अनुसार उत्तर प्रदेश के उत्तर एवं पश्चिमी क्षेत्रों, मध्य प्रदेश के अधिकांश पश्चिमी एवं उत्तरी ज़िलों,  उत्तरी एवं पूर्वी राजस्थान के ज़िलों, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ के उत्तरी क्षेत्रों, तेलंगाना, आँध्र प्रदेश, कर्नाटक के उत्तरी ज़िलों, पूर्वी तमिलनाडु, पंजाब के कुछ ज़िलों, दक्षिणी गुजरात, उत्तराखंड, बिहार, उत्तरी झारखंड बिहार से सटे हुए ज़िलों में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है।

 

उल्लेखनीय है कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD), वर्ष 2003 से दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम के लिए पूरे देश में दी चरणों में औसत वर्षा के लिए लम्बी दूरी का पूर्वानुमान जारी कर रहा है।

पहला चरण का पूर्वानुमान अप्रैल में जारी किया जाता है और दूसरे चरण का पूर्वानुमान मई अंत तक जारी किया जाता है।

source : kisansamadhan

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